उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य का पहला टैक्टिकल अर्बनिज्म ट्रायल- सड़क सुरक्षा के लिए राज्य सरकार के सहयोग से सेवलाइफ फाउंडेशन और एचयूएल की अनोखी पहल

: भारत में सड़क सुरक्षा का गंभीर संकट बना हुआ है। इसकी वजह से हर साल 170,000 से अधिक जानें जाती हैं। यह इस मामले में दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक बन गया है। सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक लोग उत्तर प्रदेश में जान गँवाते हैं। सिर्फ 2022 में 22,595 मृत्यु के मामले दर्ज किए गए। जहाँ तक जिलों की बात है, उन्नाव में उसी साल सड़क दुर्घटना में 510 लोगों के दम तोड़ने की जानकारी है।

समस्या की गंभीरता को देखते हुए सेवलाइफ फाउंडेशन ने उन्नाव के दही चौकी चौराहे पर उत्तर प्रदेश का पहला टैक्टिकल अर्बनिज्म (टीयू) ट्रायल शुरू किया है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड का सहयोग है। ट्रायल का उद्देश्य ऐसा मॉडल बनाना है, जिसे जिले के अन्य चौराहों पर लागू कर सड़क दुर्घटना में मृत्यु की रोकथाम की जाए।

दही चौकी चौराहा एनएच-27 पर है। यह यूपी के दो प्रमुख जिलों- कानपुर और लखनऊ को जोड़ता है। यह जंक्शन एक वाई-चौराहा है, जहाँ पुरवा गाँव से एक छोटी सड़क हाईवे से मिलती है, इसलिए यह यातायात का केंद्र बिंदु है। दही चौकी चौराहे पर दुर्घटना से मृत्यु को लेकर सरकार के आँकड़ें चिंताजनक हैं। साल 2021 से 2024 तक 16 सड़क दुर्घटनाएँ हुई हैं और 9 जानें गई हैं।

इस क्षेत्र में काफी चहल-पहल रहती है। आसपास कल-कारखाने, शैक्षणिक संस्थान और बाज़ार सभी मिले-जुले हैं। खास कर सरकारी पॉलिटेक्निक उन्नाव और केंद्रीय विद्यालय उन्नाव जैसे बड़े संस्थान हैं। इन दोनों के चलते बड़ी संख्या में पैदल यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। इसके अतिरिक्त प्रवासी मजदूरों की बड़ी आबादी है, जो आसपास के गाँवों में रहती है और इस क्षेत्र के उद्योगों में काम करने आती है। इस वजह से भी चौराहे पर पैदल यात्रियों की संख्या बहुत बढ़ जाती है। इस जंक्शन पर तरह-तरह की दुकानें लगी हैं, जहाँ खाने-पीने की चीजें और सब्जियाँ बिकती हैं। स्थानीय लोग ज़रूरतों की चीजें खरीदने यहाँ आते हैं। इस वजह से भी पैदल यात्रियों की भीड़ बढ़ती है। यह खास कर व्यस्त समय में यह भीड़ काफी बढ़ जाती है।

टीयू ट्रायल 26 मार्च, 2025 को लॉन्च किया गया। इस अवसर पर उन्नाव के जिला मजिस्ट्रेट श्री गौरांग राठी, उन्नाव के पुलिस अधीक्षक श्री दीपक भुकर, पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारीगण के साथ-साथ सेवलाइफ की टीम भी मौजूद थी।

सेवलाइफ फाउंडेशन के टीयू ट्रायल का मकसद भारी यातायात वाले क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा बढ़ाना और मृत्यु दर कम करना है। प्रभावित क्षेत्रों की नई डिज़ाइन और सभी के लिए सड़क सुरक्षा बढ़ाने वाले ये ट्रायल अस्थायी हैं, जो कम समय और अपेक्षाकृत कम लागत वाले हैं। ये खास कर उनके लिए अधिक लाभदायक हैं, जिन्हें सड़क पर अधिक खतरा है, जैसे कि पैदल यात्री, साइकिल चालक और गैर-मोटर वाहन उपयोग करने वाले लोग।

टीयू ट्रायल का एक अनिवार्य पहलू सड़क पर मोडल इक्विटी के लिए स्पेस का रीडिस्ट्रिब्यूशन करना है। साथ ही सड़क का ज्यामितीय संशोधन, ट्रैफिक चैनलाइज़ेशन, गति कम करने के उपाय और पैदल यात्री और साइकिल चालकों की सुरक्षा के लिए बुनियादी ढाँचा बढ़ाना है। इन प्रयासों के डॉक्युमेंटेशन में सावधानी बरतते हुए ‘पहले’ और ‘बाद’ के डेटा की तुलना की गई है। इन प्रयासों के प्रभावी होने के प्रमाण मिलने के साथ यह उम्मीद है कि संबद्ध सरकारी एजेंसियाँ कथित सुधारों एवं संशोधनों को स्थायी रूप देंगी।

इस अवसर पर जिला मजिस्ट्रेट श्री राठी ने कहा, “उन्नाव में दही चौकी चौराहे पर टैक्टिकल अर्बनिज्म का ट्रायल सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के हमारे चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर पैदल चलने वालों जैसे सबसे असुरक्षित सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए। यह ट्रायल, जो ऑन-ग्राउंड इंजीनियरिंग सुधारों का प्रस्ताव करता है, पूरे जिले में निर्वाण को कम करने के उद्देश्य से टिकाऊ, डेटा-संचालित समाधानों के लिए एक आधार के रूप में भी काम करेगा। हम इस पहल को जीवन में लाने में सेवलाइफ फाउंडेशन के साथ जिले की साझेदारी की सराहना करते हैं।”

इस पहल के बारे में उन्नाव के पुलिस अधीक्षक श्री भूकर ने कहा, ‘‘दही चौकी में टैक्टिकल अर्बनिज्म परीक्षण सड़क उपयोगकर्ताओं के सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, जिसमें विशेष रूप से पैदल यात्रियों जैसे संवेदनशील उपयोगकर्ताओं के लिए चौराहे पर सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए ज़मीनी अवसंरचना प्रदान की जाएगी। यह पहल उन्नाव जिले की सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और भविष्य में ऐसे सड़क सुरक्षा सुधारों के लिए एक उदाहरण बनेगा। सड़क सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, और हमें यकीन है कि यह कदम न केवल दुर्घटनाओं को कम करेगा, बल्कि उन्नाव के लिए एक सुरक्षित सड़क नेटवर्क के निर्माण में भी सहायक होगा।’’

टैक्टिकल अर्बनिज्म ट्रायल के तहत किए जाने वाले प्रयास:

● विशेष पैदल यात्री पथ बनाना। इसके लिए बोलार्ड, कोन और पानी से भरे अवरोधकों का निर्माण।
● निरंतर ज़ेबरा क्रॉसिंग बनाना, ताकि सभी पैदल यात्री सुरक्षित सड़क पार कर लें।
● बस स्टॉप की खास जगह बना कर बस चढ़ने और उतरने के समय सुरक्षा बढ़ाना।
● ऑटो रिक्शा स्टैंड बना कर लोगों को सुरक्षित चढ़ने और उतरने की सुविधा देना।
● सुव्यवस्थित वेंडिंग ज़ोन और दोपहिया वाहन पार्किंग बनाना।
● यातायात की गति कुछ धीमी करने के लिए रंबल स्ट्रिप्स लगाने जैसे उपाय करना।
● सड़क पर बेहतर साइनेज और अन्य संकेत स्थापित करना जैसे कि ‘धीमी गति से चलें’ और दिशा सूचक तीर निशान आदि। इससे लोगों को सही दिशा और सटीक जानकारी मिलेगी।
● डिलिनिएटर (कैट-आई) लगाना, ताकि रात में बेहतर दिखे और सही दिशा मिले।

 

ये प्रयास सड़क सुरक्षा बढ़ाने, यातायात संबंधी खतरे कम करने और कुल मिला कर सड़क यातायात का बेहतर अनुभव देने के लिए किए जा रहे हैं। दही चौकी चौराहे के नए डिज़ाइन के परिणामस्वरूप पैदल यात्रियों का एक्सपोजर डिस्टेंस लगभग 53 प्रतिशत कम होने और पैदल यात्रियों के क्रॉसिंग के समय में 60 प्रतिशत से अधिक की कमी आने की संभावना है।

टीयू ट्रायल के बारे में सेवलाइफ फाउंडेशन के संस्थापक और सीईओ पीयूष तिवारी ने कहा, ‘‘उन्नाव में हमारे प्रयासों से सड़क सुरक्षा का नया दौर शुरू होगा। हम सड़कों पर सबसे असुरक्षित लोगों की सुरक्षा बढ़ाने पर अधिक ध्यान देंगे। इस तरह हमारी सड़कें सभी के लिए अधिक सुरक्षित हो जाएँगी। हमारा मिशन स्पष्ट है: सड़क दुर्घटना से मृत्यु के मामले कम करना, सड़क सुरक्षा बढ़ाना और ऐसे स्थायी समाधान विकसित करना, जिन्हें पूरे देश में लागू किया जा सके। हम उत्तर प्रदेश सरकार, एनएचएआई और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के आभारी हैं। इन सभी के सहयोग से ही हम सभी के लिए सुरक्षित, बराबर सड़क प्रणाली बना पाएँगे।’’

एचयूएल के कार्यकारी निदेशक और आपूर्ति श्रृंखला प्रमुख योगेश मिश्रा ने कहा, ‘‘हम उन्नाव में सड़क सुरक्षा के इंजीनियरिंग समाधान से जुड़े ट्रायल में योगदान देकर गर्व का अनुभव कर रहे हैं। यह शहरी सड़क सुरक्षा में बड़े बदलाव की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। यह एक अभूतपूर्व पहल है, जिससे शहर के डिजाइन और इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े बदलाव आएँगे। हमारी सड़कें सभी के लिए सुरक्षित होंगी। इस मुहिम में सेवलाइफ फाउंडेशन के असाधारण काम के प्रति हम हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। हम एक साथ मिल कर सभी के लिए सड़क सुरक्षा का भविष्य निर्माण कर रहे हैं।’’

इस ट्रायल के तहत सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सामुदायिक संपर्क करते हुए छात्रों, पेशेवर ड्राइवर्स और स्थानीय निवासियों को शामिल किया गया है। सड़क सुरक्षा के थीम पर राजकीय पॉलिटेक्निक उन्नाव में एक प्रश्नोत्तरी में 18 से 22 वर्ष के लगभग 100 विद्यार्थियों की भागीदारी रही। इस बीच उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के लगभग 40 ड्राइवर्स को सुरक्षा के नए उपायों और उनके उपयोगों के बारे में बताया गया। इस कार्यशाला में बोर्डिंग और डिबोर्डिंग ज़ोन में सुरक्षा बरतने की अहमियत बताई गई। इसके बाद एक सड़क सुरक्षा प्रश्नोत्तरी भी आयोजित की गई।

इसके अतिरिक्त स्थानीय पंचायत में लगभग 25 स्थानीय निवासियों की एक सामुदायिक बैठक की गई। प्रतिभागियों को सुरक्षा के नए उपायों के बारे में जानकारी देते हुए उनके सही उपयोगों के बारे में भी बताया गया। सड़क यातायात के सबसे सही तरीकों के बारे में भी जानकारी दी गई।