विकास के साथ आज संस्कार नीति की बहुत जरूरत-पद्म श्री पोपट राव, ग्राम स्वराज्य के लिए पंचायतों को होना होगा स्वावलंबी और सभी के लिए समभाव रखने वाला

सोनभद्र, जनपद के दूरस्थ दक्षिणान्चल आदिवासी क्षेत्र के म्योरपुर ब्लॉक में गोविंदपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम के बिचित्रा महाकक्ष में बुधवार को दो दिवसीय ग्राम स्वराज्य सम्मेलन का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार और आश्रम के अध्यक्ष अजय शेखर के अध्यक्षता में आयोजित की गई। कार्यक्रम के पहले दिन दीप प्रज्वलन के उपरांत महाराष्ट्र से आए हिवरे बाजार के सरपंच पद्म श्री पोपट राव पवार ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों की आय दो गुनी ही नही पांच गुना बढ़ सकता है यह काम हमने अपने पंचायत में कर के दिखाया है।लेकिन विकास नीति के साथ आज संस्कार नीति की बहुत आवश्यकता है जिस पर परिवार समाज और सरकारों को काम करने की जरूरत है ।कहा कि आज केवल विकास की बाते हो रही है लेकिन केवल आर्थिक विकास से सभ्य समाज नही बन सकता उन्होंने पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि आज वहा शराब पीने वाले और जमीनों की स्थिति क्या हो गई है।श्री पोपट ने कहा कि ग्राम पंचायतें सवावलंबी होंगी तभी ग्राम स्वराज्य आएगा।आज ग्राम स्वराज्य की जरूरत है।आत्म निर्भर गांव बने इसके लिए स्थानीय संसाधनों को आधार बनाना होगा।और यह गांधी विचार से ही संभव है।सर्वोदय मंडल के प्रदेश अध्यक्ष राम धीरज ने कहा कि गांव ने सबसे ज्यादा रोजगार है इसे समझने और पहल करने की जरूरत है।कहा कि दुनिया में किसान का उधोग ही ऐसा है जहा एक बीज डालने पर सौ बीज का उत्पादन होता है जबकि उधोगों में हजार वस्तु डाले तो चौथाई हिस्सा पैदा होता है।कहा की कृषि और जड़ी बूटी का सही प्रसंस्कार कर आय बढ़ाया जा सकता है।राम जन्म यादव ने छोटे छोटे प्रयास को प्राथमिकता देते हुए सभी को शिक्षित और स्वावलंबी होने की बात कही। गांधी विचारक अरविंद अंजुम ने कहा कि समाज में चेतना लाना जरूरी है समाज आत्मनिर्भर बने यह समाज सोचे।आजादी मिली जब समाज चाहा।अन्यथा बहुत से लोगो को गुलामी और आजादी दोनो को पता ही नही चला।गुलामी क्यों आई यह चिंतन का विषय है।उन्होंने कहा कि एजेंट के माध्यम से सामाजिक बदलाव संभव नहीं होगा।हमारी जरूरतों की पूर्ति दूसरा करे इस सोच में बदलाव की जरूरत है।उन्होंने कहा की महिलाओ को कारवां चौथ और सदा सुहागन वाले आशीर्वाद जैसे परंपराओं पर सोचना होगा। उन्होंने कहा कि स्त्री उम्र में छोटी हो और पहले मर जाए यह सोच डाली गई है। ग्राम पंचायतों के सशक्त बनाने पर डा चंद्र शेखर प्राण के नेतृत्व में समूह चर्चा का आयोजन दूसरे सत्र में किया गया शुभा प्रेम ने सम्मेलन में आए लोगो का स्वागत करते हुए कहा कि ग्राम स्वराज्य की मजबूती के लिए पंचायत को सशक्त होना होगा।
अतिथि पत्रकार के रूप में आए रवीन्द्र केसरी ने ग्राम स्वराज पर विचार रखते हुए उपस्थित आदिवासी बहुल क्षेत्रों के युवा /युवतियों, बालक /बालिकाओं को कर्तव्य के प्रति समर्पित और अधिकारों के लिए जागरूक रहने को कहा। उन्होंने इसके लिए पूरी शिक्षा लेने,औरों को पढ़ाने में अपना योगदान देने और उसका सदुपयोग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आगे कहा कि अपने वोट का महत्व समझते हुए उसका सही उपयोग कर गांधी के ग्राम स्वराज को सही मायने में साकार करें साथ ही आर टी आई को अपना हथियार बनाकर प्रतिनिधियों और अधिकारियों को सही दिशा में काम करने के लिए मजबूर करें तभी सही रूप में ग्राम स्वराज स्थापित हो पाएगा।
लायंस क्लब के पूर्व मंडलाध्यक्ष हरीश अग्रवाल ने वनवासी सेवा आश्रम की सेवा कार्यो के क्षेत्र में किए जा रहे जागरूकता सहित अन्य अनेक कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं सेवा क्षेत्र से भावनात्मक रूप से जुड़ा हूँ इसलिए इस की महत्ता समझता हूं, इतने दूरस्थ क्षेत्र में इतना कार्य करना लगभग असम्भव है जिसे प्रेम भाई से लेकर आज शुभा जी के नेतृत्व में लगातार किया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने आश्रम की गोशाला के लिए 21 हजार रुपये का सहयोग करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में जितेंद्र नंदू,सतेंद्र सिंह,श्री मोहन शुक्ल,रामेश्वर प्रसाद,बर्फी लाल,मंजू देवी,सरिता देवी,नीलम सिंह,वीरेंद्र राय,उमेश चौबे,रमेश,,रोहतास रघुवंशी, कन्हैया ,ओंकार पांडेय, समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा बंगाल,बिहार,उड़ीसा,एम पी आदि राज्यों के सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शिव सरन सिंह ने किया।

रवीन्द्र केसरी सोनभद्र

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