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ईको टूरिज्म में युवाओं के लिए असीमित अवसर

आईआईटी कानपुर में आयोजित कॉन्क्लेव में ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने की सक्रिय सहभागिता

लखनऊ :  पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने एक संदेश में कहा है कि किसी भी क्षेत्र के विकास में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी उद्देश्य से आईआईटी कानपुर में आयोजित कॉन्क्लेव में ईको-टूरिज्म बोर्ड ने सहभागिता किया। निश्चित रूप से इसका सफल परिणाम शीघ्र हमारे सामने होगा। इको टूरिज्म के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश विश्व का ध्यान खींचेगा। बदलते परिवेश में आदमी भौतिक साधनों से ऊब कर प्रकृति के सानिध्य में रहना चाहता है, जहां पर मनोरम स्थल होने के साथ ही प्रदूषण मुक्त वातावरण हो। कोरोना काल के दौरान यह देखा गया कि हर आदमी प्रकृति के समीप जाना चाहता है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि ईको-टूरिज्म पर्यटन का ऐसा क्षेत्र है जहां पर पर्यटक जैवविविधता को नुकसान पहुंचाये बगैर पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सके। साथ ही स्थानीय मान्यताओं, परम्पराओं, सांस्कृतिक परिवेश को करीब से जान सके। उन्होंने कहा कि इसको दृष्टिगत रखते हुए एग्री-टूरिज्म तथा होम-स्टे कांसेप्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है। ईको-टूरिज्म एक उभरता हुआ पर्यटन है। ईको-टूरिज्म से स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ जुड़कर आमदनी बढ़ाने का एक सुनिश्चित जरिया भी है। उन्होंने कहा कि इसको दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने 31 जनवरी से 02 फरवरी तक आईआईटी कानपुर में आयोजित तीन दिवसीय पॉलिसी कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया। बोर्ड की ओर से स्टॉल लगाकर ईको टूरिज्म स्थलों का प्रचार-प्रसार किया गया। कतर्नियाघाट, दुधवा नेशनल पार्क और पीलीभीत टाइगर रिजर्व आदि का वर्चुअल भ्रमण भी कराया गया। कॉन्क्लेव में क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित हुई।

मुख्य वन संरक्षक (कानपुर), के.के. सिंह ने कहा, कि ’उत्तर प्रदेश का नैसर्गिक सौंदर्य अद्भुत है। यहां विविध प्रकार के वन्यजीव, विलुप्तप्राय पक्षियों समेत कई अन्य आकर्षण के केन्द्र हैं, जो देश-दुनिया को आकर्षित करते हैं। उत्तर प्रदेश में इको पर्यटन के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं। इसे धरातल पर उतारने के लिए मा0 मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया गया है। बोर्ड ईको टूरिज्म के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है।

पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष/सीनियर एडवाइजर राजीव गर्ग ने कहा हमारा प्रयास है कि ईको-टूरिज्म साइट्स पर पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जाए। ताकि, यहां आने वाले पर्यटक विशिष्ट अनुभव लेकर लौटें। हमारा लक्ष्य स्थानीय समुदाय को लाभ पहुंचाना भी है। इसके अंतर्गत होम स्टे तथा स्थानीय उत्पादों पर विशेष ध्यान दे रहे रहे हैं। जो युवा स्टार्टअप में रुचि रखते हैं उनका इस क्षेत्र में सुनहरा भविष्य है। ईको टूरिज्म की विशेषज्ञ सुश्री गुरलीन कौर ने कहा कि ईको-टूरिज्म के प्रति लोगों की रुचि निरंतर बढ़ रही है। ऐसे पर्यटन के लिए उत्तर प्रदेश अच्छा विकल्प है।

कॉन्क्लेव के दूसरे दिन बोर्ड की ओर से क्विज प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें 54 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। क्विज में पार्थ आर्यन भट्ट प्रथम, मोहम्मद वकार मोइद द्वितीय, आशीष तृतीय, पीयूष चतुर्थ और आदित्य श्रीवास्तव पांचवें स्थान पर रहे। विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। एचएमडी मोबाइल कंपनी की ओर से प्रथम विजेता को टैबलेट दिया गया।

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