सेहत

किन वजहों से नहीं पचता दूध और हजम न होने पर क्या करना चाहिए, जान लें यहां

नई दिल्ली। आपने सुना होगा कई लोग दूध चाहकर भी नहीं पी पाते क्योंकि उन्हें लेक्टोस इनटॉलरेंस की प्रॉब्लम होती है इसका मतलब उन्हें दूध हजम नहीं होता। दूध पीने के बाद उनकी बॉडी में कई तरह की प्रॉब्लम्स होने लगती है। दूध में लेक्टोस नामक शक्कर होती है जिसे शरीर ग्लूकोज में परिवर्तित करके एब्जॉर्ब करता है और इससे शरीर को ताकत मिलती है। इस प्रकार की शक्कर सिर्फ दूध में होती है।

दूध में मौजूद लेक्टोज़ को पचाने के लिए लैक्टेस नामक एंजाइम की जरूरत होती है जो छोटी आंत में बनता है। 2 साल की उम्र तक यह एंजाइम अच्छी-खासी मात्रा में बनता है। लेकिन उसके बाद इसके बनने की प्रक्रिया धीरे-धीरे कम होती जाती है।अगर यह एंजाइम शरीर में बिल्कुल ना बने तो दूध हजम नहीं होता है और बड़ी आंत में चला जाता है और वहां जाकर सड़ने लगता है। जिसकी वजह से दस्त, गैस, पेट फूलना, पेट में मरोड़ जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मेडिकल भाषा में इसे लेक्टोस इनटोलरेंस कहा जाता है।

लैक्टेस एंजाइम सिर्फ दूध ही नहीं बल्कि दूध से बनने वाली चीजों से भी हो सकता है। गाय , भैंस , ऊंटनी , बकरी आदि के दूध में लेक्टोस की मात्रा अलग-अलग होती है। बकरी के दूध में सबसे कम लेक्टोस मौजूद होता है।

– लेक्टोस इन्टॉलरेंस की प्रॉब्लम ज्यादातर अनुवांशिक होता है। इसका मतलब अगर आपके घर में किसी को यह परेशानी है तो आपको भी हो सकती है।

– छोटी आंत में किसी तरह की खराबी होने पर लैक्टोस न बन पाने की वजह से दूध नहीं पच पाता है।

– किसी बीमारी या इंफेक्शन की वजह से आंतों में लैक्टोस न बन पाने की वजह से भी दूध हजम नहीं होता।

दूध न पचने पर दूध पीने के कुछ ही देर बाद परेशानी पेट फूलना, पेट में दर्द या ऐंठन, जी घबराना, दस्त जैसी समस्याएं नजर आने लगती हैं। यह शरीर में कितना लैक्टोस बन रहा है इस पर भी निर्भर करता है।

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