डॉ भीम राव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में हुआ कार्यक्रम
बरेली ,07 दिसम्बर। विधि विभाग एम जे पी रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली में कल भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें संकाय व विभाग अध्यक्ष विधि विभाग डॉक्टर अमित सिंह एवं अन्य शिक्षकों द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर डॉ अमित सिंह ने अपने संबोधन में बाबा साहब अंबेडकर के जीवन वृतांत के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर असाधारण प्रतिभा के धनी थे इनकी लाइब्रेरी में लगभग 1 लाख से अधिक पुस्तक थी और 10 से 12 घंटे का समय अपनी किताबों के साथ बिताते थे। वह अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ थे लेकिन अन्य विषय जैसे राजनीति शास्त्र, इतिहास व विधि विषयों पर भी उनकी पकड़ अतुलनीय थी। 1932 में डॉक्टर अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच पूना पैक्ट की चर्चा की।उन्होंने बताया कि बाबा साहब अंबेडकर द्वारा समान सिविल कोड ड्राफ्ट किया गया तथा इस समय ही आधुनिक हिंदू कोड बिल की तैयारी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी जिसे बाद में भारत सरकार द्वारा लागू किया गया। उन्होंने डॉ अंबेडकर की दूरदर्शिता और व्यापकता की चर्चा की उन्होंने यह भी बताया कि डॉ आंबेडकर न सिर्फ दलितों के उत्थान बल्कि कमजोर वर्ग शोषितों एवं महिलाओं की स्थिति में किए गए सुधारो की भी चर्चा की। उन्होंने बाबा साहब की जीवन और उपलब्धियां को भी कार्यक्रम में साझा किया विधि विभाग के शिक्षक प्रवीण चौहान द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जीवन परिचय व उनकी एक समाज सुधारक के रूप में भूमिका पर विस्तार से चर्चा की इस अवसर पर रिसर्च स्कॉलर राष्ट्र वर्धन द्वारा अपने संबोधन में संविधान बनाने में बाबा साहब अंबेडकर की भूमिका का विस्तार से वर्णन किया गया तथा महिलाओं के अधिकारों के उत्थान में उनकी भूमिका को बताया कार्यक्रम का संचालन डॉ शहनाज अख्तर द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान गायन से हुआ इस अवसर पर एल एल एम की छात्र-छात्राएं शोध छात्र व शिक्षक गण डॉ लक्ष्मी देवी, प्रीति वर्मा, निधि शंकर, डॉ लक्ष्य लता ,अमित कुमार सिंह, प्रियदर्शनी रावत, अनुष्का मूलचंदानी, रविकर यादव , आदि उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट