मां का अपमान नहीं हुआ बर्दाश्त! बन गई IPS, अपराधियों के छूटते हैं पसीने
कहते हैं जिंदगी में जो होता है वो अच्छे के लिए होता है, बस आपका नज़रिया सही होना चाहिए। आज हम आपको एक ऐसी महिला आईपीएस के विषय में बताने जा रहे हैं जिन्होंने बचपन में अपनी मां के साथ हुई घटना के बाद प्रण ले लिया था कि वो बड़ी होकर पुलिस अधिकारी बनेंगी। हिमाचल प्रदेश के ऊना के ठठ्ठल गांव में जन्म लेने वाली शालिनी अग्निहोत्री ने साल 2011 में यूपीएससी का एग्जाम दिया और 2012 में वे आईपीएस बन गईं।
बता दें, शालिनी के आईपीएस बनने के पीछे जो कहानी है वह हमारे समाज की उस काली सच्चाई को दर्शाती है जिसमें महिलाएं आज भी सुरक्षित नहीं हैं। उनका सड़कों पर चलना-फिरना कितना कठिन होता है यह हमें शालिनी की कहानी में पता चलता है। दरअसल, शालिनी एक बार अपनी मां के साथ बस पर सवार होकर कहीं जा रही थीं। तभी उनकी मां की सीट के पीछे बैठा व्यक्ति उन्हें बार-बार हाथ लगाकर तंग कर रहा था। इसपर उनकी मां काफी असहज महसूस कर रही थीं। काफी देर बाद उनकी मां ने उसे ऐसा करने से मना किया जिसपर वह आदमी उल्टा उन्हीं पर भड़क गया और भरी बस में सबके सामने उसने बोला क्या तुम कहीं की डीसी हो? इस दौरान शालिनी भी वहीं मौजूद थीं। उन्हें उस छिछोरे की ये बात अंदर तक चुभ गई। उन्होंने उसी वक्त प्रण कर लिया कि वे बड़ी होकर बड़ी अधिकारी बनेंगी।
बिना कोचिंग के की UPSC की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शालिनी ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा धर्मशाला स्थित डीएवी कॉलेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी से फार्मिंग में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इन्हीं दिनों में उन्होंने यूपीएससी की तैयारी भी शुरु कर दी। वे दिन में कॉलेज जाती रात को घर पर रहकर परीक्षा की तैयारी करती।
माता-पिता से छुपाई परीक्षा की बात
एक इंटरव्यू के दौरान शालिनी ने इस बात का खुलासा किया था कि उन्होंने अपने माता-पिता को भी यूपीएससी के विषय में नहीं बताया था। वे चुपचाप इसकी तैयारी करती थीं। उनका मानना था कि अगर वे परीक्षा ना निकाल पाई तो उनके माता-पिता निराश हो सकते हैं। इस वजह से उन्होंने ना ही कोई कोचिंग ली और ना ही किसी बड़े शहर की तरफ रुख किया। उन्होंने सेल्फ स्टडी के दमपर यूपीएससी का एग्ज़ाम दिया।
2012 में बनीं IPS
मालूम हो, साल 2011 में शालिनी ने यूपीएससी का एग्जाम दिया था। जिसका 2012 में रिजल्ट आया था। इसमें उनकी ऑल इंडिया रैंक 285 आई और उन्होंने इंडियन पुलिस सर्विस चुनी। उनकी पहली पोस्टिंग कुल्लू में हुई थी। यहां उन्होंने पुलिस अधीक्षक के रुप में पदभार संभाला था।
गौरतलब है, शालिनी की छवि एक साहसी और निडर पुलिस अधीक्षक के रुप में बनी हुई है। उन्होंने इलाके के ड्रग माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर बड़े-बड़े अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।