अक्टूबर में क्यों हो रही है जमकर बारिश!, कब तक मिलेगी राहत, जानें- मौसम का हाल

देश के कई राज्यों से मानसून विदा हो गया है। इसके बाद भी कुछ राज्यों में इस वक्त जबरदस्त बारिश का कहर जारी है। खासकर उत्तर भारत में तो पिछले 3 दिनों से लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। दिल्ली-एनसीआर में भी बारिश के चलते लोगों को भारी समस्या हो रही है।

हालांकि, इस साल मानसून सीजन के बाद भी कुछ एक इलाकों को छोड़कर भारत के अधिकतर हिस्से में या तो बारिश जारी है या भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है। इस साल अक्तूबर में इतनी ज्यादा बारिश क्यों हो रही है? देश में इस वक्त मौसमी सिस्टम कैसा बना है? किन-किन राज्यों में बारिश जारी है? और किन के लिए आगे भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है? आइये जानते हैं…

माना जाता है कि भारत में मानसून सामान्य तौर पर सितंबर मध्य में वापस लौटने लगता है। मानसून के इसी लौटने की प्रक्रिया को मानसून विड्रॉल कहते हैं। राजस्थान से मानसून के लौटने की तारीख आमतौर पर 17 सितंबर से मानी जाती है। इस दौरान बारिश खत्म होने के साथ ही नमी में कमी दर्ज की जाती है और देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में भी बारिश का धीरे-धीरे कम होना जारी रहता है। सामान्य तौर पर पूरे भारत में मानसून विड्रॉल 15 अक्टूबर तक पूरा हो जाना चाहिए। यानी इस समय तक पूरे भारत में बारिश का दौर खत्म हो जाता है।

हालांकि, इस बार बारिश अक्टूबर में भी जारी है। देश के कुछ हिस्सों में यही स्थिति पिछली बार भी रही थी।मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस साल मानसून कई जगहों पर देर से पहुंचा। इसके चलते देश के पश्चिमी हिस्सों में मानसून सितंबर तक एक्टिव रहा। इसी सक्रियता का असर मानसून के लौटने की प्रक्रिया पर पड़ा है।

देश के कई राज्यों में जारी बारिश के बीच राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई हो गई है। वहीं अक्टूबर में बंगाल की खाड़ी में कम-दबाव वाला क्षेत्र बनने व चक्रवात के पैदा होने से दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरी तरह लौटने की जगह थम गया।

यही वजह है कि राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, पूर्वी गुजरात और मुंबई में अभी भी भारी बारिश का दौर जारी है। इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत, बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में भी मानसून के लौटने की प्रक्रिया में रुकावट आई है और यहां तेज बारिश का दौर जारी है।

मौसम की जानकारी देने वाली वेबसाइट स्काईमेट के मुताबिक, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तटीय आंध्र प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा चक्रवाती परिसंचरण से तेलंगाना, विदर्भ, पश्चिम मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है।

दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र गुजरात क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा सर्कुलेशन से गुजरात और आसपास के इलाकों से होते हुए राजस्थान और हरियाणा होते हुए पंजाब तक फैली हुई है।

मौसम विभाग के मुताबिक, 11 अक्टूबर को पूर्वी मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, सिक्किम ,बिहार, तेलंगाना, रायलसीमा, तमिलनाडु और पुडुचेरी, में भारी बारिश की संभावना है। वहीं, मौसम विभाग ने उत्तरी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल में और गोवा आदि में दिनभर बादल छाए रहने की संभावना जताई है। इसके अलावा राजधानी दिल्ली के साथ ही पंजाब, उड़ीसा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर में मौसम साफ रहेगा।

मौसम में बदलाव को लेकर वरिष्ठ वैज्ञानिक आर. जेनामणि ने कहा कि तीन-चार दिनों में बारिश की गतिविधियां कम होंगी। पूर्वी यूपी व दूसरे हिस्सों से मानसून छंटने की प्रक्रिया तेज होगी, बशर्ते कि कोई नया सिस्टम नहीं बने। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉक्टर मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मानसून छंटने में देरी जरूर हुई है, लेकिन पोस्ट मानसून बारिश नई घटना नहीं है। पिछले वर्ष अक्तूबर के तीसरे सप्ताह तक बारिश हुई थी।

वहीं स्काईमेट वेदर के महेश पलावत ने कहा कि मानसून छंटने की प्रक्रिया के दौरान लगातार सिस्टम बनने से बारिश हुई। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र बना। आंध्र प्रदेश के तट से लेकर उत्तराखंड तक मानसून टर्फ बनी। अब पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है।

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