अयोध्या में भगवान राम की होली के बाद मथुरा-वृंदावन की गलियां भी कर रहीं इंतजार: सीएम योगी ने दिए संकेत

अयोध्या: मथुरा में चुनावी शंखनाद करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को कुछ अलग ही संकेत दे गए। उन्होंने पहले अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र किया। कहा कि होली खेले रघुवीरा भजन तो हमने खूब सुना…लेकिन 500 वर्षों में पहली बार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अपने धाम में विराजमान होकर हमें होली के साक्षात दर्शन कराए। मथुरा और वृंदावन की कुंज गलियां भी इंतजार तो कर रही रही होंगी। मथुरा के मंगलम रिसॉर्ट में आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बचपन से ही होली के गीत सुनते आ रहे हैं। पिछले 15 दिन से एक गीत सुन रहे हैं होली खेलै रघुवीरा, अवध में होली खेलै रघुवीरा। उन्होंने कहा कि 500 वर्ष बाद अयोध्या में अपने धाम में विराजमान होकर भगवान ने दर्शन दिए हैं और होली खेली है। अब मथुरा-वृंदावन की कुंज गलियां भी इंतजार कर रही होंगी। ब्रज की होली दुनिया में जानी जाती है। यहां श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है। यहां बहुत कुछ किया गया है लेकिन भीड़ देखकर लग रहा है कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

हमने संतुष्टीकरण को आधार बनाया विपक्षियों पर हमलावर सीएम योगी ने कहा कि पिछले 10 वर्ष हुए विकास को सभी देख रहे हैं। एक तरफ फैमिली फर्स्ट वाले परिवारवादी हैं तो दूसरी तरफ नेशन फर्स्ट के तहत 140 करोड़ भारतीय ही मोदी का परिवार हैं। सभी को एक ही नजरिए से देखा जा रहा है। कल्याणकारी योजनाएं सभी के लिए एक समान हैं। कोई भेदभाव नहीं है। हमने तुष्टीकरण को नहीं बल्कि संतुष्टीकरण को आधार बनाया है।

अनुच्छेद 370 हटाकर किया समाधान नमामि गंगे के बहाने सीएम ने कहा, गंगा की सफाई का काम चल रहा है। अब यमुना की बारी है। कुछ एसटीपी बन गए हैं। कुछ बन रहे हैं। ब्रज ने हमेशा समाधान दिया है। प्रधानमंत्री का लक्ष्य सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है। पूर्वोत्तर को देखें या फिर जम्मू कश्मीर को सभी जगह उग्रवाद, आतंकवाद खात्मे की ओर है। वर्षों से चली आ रही अनुच्छेद 370 हटाने की समस्या प्रधानमंत्री मोदी ने खत्म कर दी है। अब सीमा पर सैनिकों को पीठ पर बांधकर पैदल नहीं जाना होता, बल्कि अब बढ़िया कनेक्टिविटी हो गई है।

मेरठ के चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि तीन दशक पहले जिस तरह अरुण गोविल ने छोटे पर्दे पर रामायण में श्रीराम के किरदार को जीवंत किया था, आज वह मेरठ की पहचान बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरठ इतिहास में दर्ज नहीं होता, बल्कि ये हमेशा इतिहास रचता है।

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