‘आशनाई…धमकी और खौफनाक बदला’: दौड़ा-दौड़ाकर मारीं गोलियां, पत्नी बोली- चरित्र का नहीं था अच्छा

बांदा| बांदा जिले में बिसंडा थाना क्षेत्र के कैरी गांव निवासी मृतक किसान बालकरन उर्फ बाबू की हत्या में उसकी पत्नी ने चौकाने वाला खुलासा किया है। पोस्टमार्टम हाउस में पत्नी ने बताया कि बालकरन चरित्र का ठीक नहीं था। जेल से छूटने के बाद वह गांव की महिलाओं की टोह में रहता था। हमेशा तमंचा लेकर चलता था।

घटना वाली रात भी वह घर से तमंचा लेकर घर से निकला था। मृतक किसान बालकरन की पत्नी संतोषिया ने बताया कि उसकी पुत्री नीलम अपनी ससुराल से मायके आई हुई है। पुत्री के जेवर जिसमें पायल, बिछवा, हाफ पेटी और माला आदि थे को मंगलवार को बालकरन ले गया था।

पत्नी को शक है कि गांव की ही किसी महिला को उसने यह जेवर दिए हैं। हालांकि उसे पता नहीं है कि किस महिला को दिए हैं। उसकी पत्नी ने यहां तक बताया कि बालकरन उससे खुद यह कहता था कि किसी महिला को बुला लाओ। उसकी इन्हीं हरकतों से वह सब आजिज थीं।

उसने बताया कि घटना वाली रात भी हमलावर बालकरन से कह रहे थे कि किसी के घर की बहू-बेटी को छेड़ेगा। संतोषिया ने बताया कि उसके एक पुत्र संदीप है वह चंडीगढ़ में रहकर मजदूरी करता है। अभी उसकी शादी नहीं हुई है। एक पुत्री नीलम है, वह अपनी ससुराल से इन दिनों मायके में बनी थी। मृतक किसान के 20 बीघा जमीन है।

वर्ष 2005 में कैरी गांव के राजाराम पटेल की गोली मारकर हत्या की गई थी। इस हत्याकांड में मृतक किसान बालकरन पटेल नामजद मुल्जिम बना था। उसे न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा भी हुई थी। बताया जाता है कि राजाराम पटेल की हत्या शराब खोरी को लेकर हुई थी।

मृतक किसान बालकरन की पत्नी संतोषिया ने गांव के किसी भी व्यक्ति यहां तक कि अपने दुश्मन परिवार तक का इस हत्याकांड में शामिल होने का नाम नहीं लिया है। उसका कहना है कि वह घर के अंदर से सिर्फ फायर की आवाजें सुनतीं रही थी। उसे ज्यादा कुछ नहीं मालूम कि कौन मार गया।

हमलावरों ने अधेड़ को दौड़ाकर उसके घर के भीतर ही तीन गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी। घटना बुधवार देर रात की है। गोलियों की आवाज सुनकर परिजन जागे, लेकिन हमलावरों की धमकी से डरकर कमरे में ही दुबके रहे। घटना की जानकारी पर सुबह पुलिस, फोरेंसिक टीम व डॉग स्क्वायड ने जांच की।

मृतक के चचेरे भाई की तहरीर पर अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। घटना के पीछे आशनाई की चर्चा है। अधेड़ 18 साल पहले गांव के ही एक व्यक्ति की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काटकर जनवरी 2023 में जेल से रिहा हुआ था। तब से वह गांव में ही रह रहा था।

बिसंडा थाना क्षेत्र के कैरी गांव निवासी बालकरन उर्फ बाबूजी (50) बुधवार की रात आठ बजे गांव में घूमने निकला था। देर रात करीब 11 और 12 बजे के बीच कुछ अज्ञात हमलावरों ने उसे दौड़ाया तो वह जान बचाने के लिए अपने घर के भीतर घुसा। पीछे से हमलावरों ने आंगन में पहुंचकर ताबड़तोड़ फायर कर दिए।

उसके तीन गोलियां लगीं, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना के समय उसकी पत्नी संतोषिया और पुत्री नीलम घर के अंदर किवाड़ बंद करके सो रहीं थीं। वह नींद से जागी, तो हमलावरों ने उन्हें ललकार कर कहा कि अगर कोई बाहर निकला, तो उसको जिंदा नहीं छोड़ा जाएगा। इससे वह घर के कमरे में दुबक गईं।

पत्नी संतोषिया ने बताया कि हमलावर किसी महिला से छेड़खानी का उलाहना दे रहे थे। वह कौन लोग थे, वह नहीं जानती। घटना की सूचना पर सुबह एसपी अंकुर अग्रवाल, सीओ बबेरू राकेश सिंह भी पहुंचे। बालकरन गांव के ही राजाराम पटेल की 18 साल पहले हुई हत्या में आजीवन कारावास की सजा काटकर रिहा हुआ था।

 

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