इंदौर में 4 करोड़ की फिरौती के लिए 6 वर्षीय बच्चे की अपहरण के बाद हत्या, रिश्तेदार ही निकले कातिल

मध्य प्रदेश के इंदौर के पास पिगडंबर ग्राम में एक 6 वर्षीय बच्चे की कथित तौर पर पड़ोस में रहने वाले उसके ही दो रिश्तेदारों द्वारा अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। आरोपियों ने बच्चे के पिता से 4 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी, लेकिन जब यह मामला गरमाया तो दोनोंआरोपी डर गए और उन्होंने बच्चे की हत्या कर दी। पुलिस ने महज 3 घंटे में इस मामले का खुसाला करते हुए हत्या के दोनों आरोपियों को खोज निकाला।

पुलिस के अनुसार, अपहरण और हत्या के दोनों ही आरोपी मृतक बच्चे के घर से 300 मीटर दूर रहते हैं। इन दोनों ने पहले बच्चे के अपहरण का प्लान बनाया था, लेकिन जब यह मामला पुलिस के पास पहुंचा उन्होंने पकड़े जाने के डर से बच्चे की हत्या कर दी। पुलिस ने रविवार देर रात दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया है।

आईजी ग्रामीण राकेश गुप्ता ने बताया कि अपहरण और हत्या के दोनों आरोपी रितेश और विक्की पीड़ित हरशु के घर से महज 300 मीटर की दूरी पर रहते हैं। दोनों ने यह प्लान बनाया था कि वह बच्चे का पहले अपहरण करेंगे और पिता को डराकर रुपये ले लेंगे। मृत बच्चे के पिता किसान हैं और ग्रामीण इलाके में इनका बड़ा काम है।

घर से खेलते हुए किया अपहरण

रविवार देर शाम 6:15 बजे के आसपास जब बच्चा अपने घर में खेल रहा था तभी उसके पड़ोस में रहने वाले रितेश और विक्की से उसे उठाने की योजना बनाई। दोनों आरोपी बच्चे को पहचानते थे इस कारण रितेश ने रात 8:00 बजे के करीब बच्चे का अपहरण कर विक्की को सौंप दिया। इसके बाद रितेश ने लड़की के पिता को कॉल कर कहा कि तुम्हारी बच्चे का अपहरण हो गया है। अगर उसे जिंदा देखना चाहते हो तो 4 करोड़ रुपये दे दो। इससे घबराए पिता ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। इस दौरान विक्की अपने घर में ही मौजूद था। इलाके में पुलिस को आते देख विक्की डर गया और उसने रितेश को कहा कि मामला गड़बड़ा गया है। इसके बाद विक्की मासूम की हत्या कर वापस गांव आ गया, लेकिन पुलिस ने महज 3 घंटे में पूछताछ करने के बाद इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

रिश्तेदार थे इसलिए बच्चे को मारना पड़ा

जानकारों की मानें तो मृतक बच्चे और आरोपी आपस में रिश्तेदार थे और गांव में ही रहते थे। इस कारण से उन्होंने बच्चे को मारना ही उचित समझा क्योंकि यदि मामला खुलता तो परिवार में भी बदनामी होती और उन्हें लग रहा था कि यदि वह बच्ची को जिंदा छोड़ देते तो वह दोनों के ही नाम जानती थी। दोनों ही बच्चे को घर से खेलते हुए ही लेकर गए थे। वहीं पुलिस ने शव को बरामद कर परिवार को सौंप दिया है।

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