इस किफायती दाल खाने से डायबिटीज के मरीजों को होगा फायदा, तुरंत होगा ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल

नई दिल्ली। डायबिटीज के मरीजों की तादात भारत समेत पूरी दुनिया में काफी ज्यादा है, जेनेटिक कारण के अलावा मौजूदा दौर की बिगड़ती जीवनशैली और गड़बड़ खान-पान काफी हद तक जिम्मेदार हैं. मधुमेह के मरीजों को अक्सर प्रोटीन डाइट खाने की सलाह दी जाती है, इसके लिए चिकन और मछली खाना थोड़ा रिस्की है क्योंकि इन्हें पकाने में काफी ज्यादा तेल का इस्तेमाल किया जाता. इसकी जगह आप अगर उड़द दाल का सेवन करेंगे तो ये सेहत के लिए कहीं बेहतर होगा.

उड़द की दाल को प्रोटीन का रिच सोर्स माना जाता है. इसके अलावा इसमें पोटेशियम, आयरन, फोलेट और कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो डाबिटीज के मरीज ही नहीं बल्कि सभी की सेहत के लिए फायदेमंद होता है. उड़द दाल में मौजूद एसेंशियल एमिनो एसिड्स बॉडी फंक्शंस में अहम रोल अदा करते हैं.

उड़द की दाल 2 रूपों में आती है, अगर छिलके के साथ खाया जाए तो इसका रंग काला और पीला दोनों नजर आता है. काफी लोग इसे छिलके के बिना खाते हैं. इसमें प्रोटीन और डायटरी फाइबर की मात्रा काभी ज्यादा होती है, जिसकी मदद से ब्लड शुगर लेवल मैनेज करना आसान हो जाता है.

दुनियाभर में की गई रिसर्चेज से पता चला है कि हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट के साथ फाइबर का सेवन किया जाए तो ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा मैनेज की जाती है क्योंकि ये न्यूट्रिएंट ब्लड में शुगर का एब्जॉर्बशन कम कर देता है जिससे पेशेंट की अच्छी सेहत मेंटेन रहती है.

उड़द दाल को आप नॉर्मल दाल की तरह पकाएं जिसमें पानी नमक और हल्दी मिलाई जाती है, इस दाल में किसी भी तरह का तड़का न लगाएं क्योंकि ऑयल कंटेंट बढ़ने से ये नुकसानदेह साबित हो सकता है. उड़द दाल का आम तौर पर वड़ा बनाया जाता है, जो एक साउथ इंडियन डिश है, लेकिन डायबिटीज के मरीज इससे परहेज करें, क्योंकि वड़ा को छानने में बहुत ज्यादा कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल होता है. ड्रीप फ्राइड चीजें सेहत के लिए अच्छी नहीं होती.

 

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