एलर्जी को दूर करने से लेकर उम्र बढ़ाने तक बेहद फायदेमंद है मिर्ची का सेवन!

खाने में मिर्च का प्रयोग करते समय कई लोग सतर्कता बरतते हैं। सबका अपना स्वाद होता है और इसी हिसाब से भोजन में मिर्च-मसाले का उपयोग किया जाता है। कोई कम तीखा खाता है तो कोई ज्यादा। ज्यादातर भारतीय घरों में लाल मिर्च का पिसा पावडर ही मसालों के साथ उपयोग में लाया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पावडर से कई गुना अधिक फायदेमंद होता है सब्जी के तौर पर काटकर डाली जाने वाली मिर्च का उपयोग! भोजन में तीखापन लाने से लेकर चटनी और मसालों में इनके उपयोग तक कई तरह से इन्हें काम में लिया जाता है। चाहे सामान्य तीखी ह्री मिर्च हो या शिमला मिर्च या इसकी कोई अन्य वैरायटी, इनसे मिलने वाले कई फायदे होते हैं।

अक्सर बड़े शेफ को खाना बनाते समय या विदेशी फ़ूड चैनल्स पर खाना तैयार करते समय अपने एक बात पर पर गौर किया होगा, ये लोग ज्यादा मात्रा में कच्ची मिर्च (सलाद के तौर पर भी) या उसके पेस्ट का उपयोग करते हैं। इससे फ्लेवर को और उभारने में तो मदद मिलती ही है, स्वास्थ्य से जुड़े कई सारे फायदे भी मिलते हैं। जानिये ऐसे ही कुछ फायदे।

एलर्जी के दौरान नाक बहने पर कई बार तीखी और गर्म कढ़ी या शोरबा पीने सलाह दी जाती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि नॉन एलर्जिक राइनाइटिस यानी नाक से निरंतर पानी गिरने वाली एलर्जी में मिर्ची फायदा पहुंचा सकती है। इसमें मौजूद कैप्सैसिन छींक आने, नाक के भरा भरा महसूस होने और लगातार नाक बहने जैसे लक्षणों से राहत दे सकता है। इतना ही नहीं शोध इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि यही कैप्सैसिन 40 से अधिक प्रकार के कैंसर से जुड़ी कोशिकाओं को खत्म करने में भी सक्षम होता है। यही कारण है कि कई डॉक्टर्स भी डाइट में कच्ची मिर्ची को शामिल करने की सलाह खासतौर पर देते हैं

दर्द का इलाज दर्द से। ठीक जैसे लोहे को लोहा काटता है। कैप्सैसिन में एक और गुण होता है। यह नर्व सेल्स में एक गर्म से एहसास को ट्रिगर करता है जिससे दिमाग को संदेश मिलता है, यह चीज गर्म है जबकि यही नर्व सेल्स असल में दर्द के एहसास को संदेश के रूप में भेजने का काम करती हैं। अब जाहिर है कि दिमाग दर्द और गर्म के इस फेर में कन्फ्यूज हो जाता है और दर्द महसूस होना बंद हो जाता है। दिमाग को कन्फ्यूज करने वाली इस ट्रिक का उपयोग प्राचीन समय से दर्द से राहत पाने के लिए किया जा रहा है। इसी तरह जब जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए आप बाम या किसी तरह की क्रीम, लोशन आदि का उपयोग करते हैं तो गर्म और जलन का एहसास होता है, यह भी कैप्सैसिन का ही कमाल होता है। कई क्रीम और लोशन में बकायदा इंग्रेडिएंट्स की तरह इसका उपयोग किया जाता है। यहां तक कि माइग्रेन में राहत के लिए उपयोग में लाए जाने वाले स्प्रे में भी कैप्सैसिन होता है। यह ब्रेन की ट्राइजेमिनल नर्व को सुन्न कर सकता है जिससे कई तरह के सिरदर्द में राहत मिल सकती है।

भोजन के साथ कई लोगों की आदत होती है कच्ची हरी मिर्च सलाद की तरह खाने की। विदेशों में तो बकायदा तरह तरह के कैप्सिकम का उपयोग सलाद के तौर पर किया जाता है। मिर्च का इस तरह का उपयोग आपको भरपूर मात्रा में विटामिन सी, ए, ई और बी का डोज़ दे सकता है। इसके अलावा इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। इम्युनिटी बढ़ाने में ये सभी योगदान देते हैं, खासकर विटामिन सी। वहीं विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स उम्र की वजह से होने वाले असर को धीमा कर सकते हैं, त्वचा की चमक को बढ़ा सकते हैं और इन्फ्लेमेशन को कम कर सकते हैं। एक शोध में यह भी पाया गया है कि वे लोग जो 15 सालों से अधिक समय तक लगातार थोड़ी मात्रा में मिर्ची का (कच्ची) सेवन करते रहे, वे कई ऐसी समस्याओं से बचे रहे जो बीमारियों या असमय मृत्यु का कारण बन सकती हैं।

मिर्ची का सेवन मेटाबॉलिज्म बूस्टर का काम भी करता है। यहां भी कैप्सैसिन ही मुख्य नायक का किरदार निभाता है। यह शरीर में मेटाबॉलिज्म की दर को तेज कर सकता है। मिर्ची खाने के बाद आने वाला पसीना इसी की निशानी है। ऐसा पसीना एक्सरसाइज करने या सोना बाथ लेने पर भी आता है। इतना ही नहीं यह एक विशेष प्रकार के न्यूरॉन टीआरपीवी 1 को सक्रिय करने में भी मदद करता है जो आपकी भूख को नियंत्रित करने के साथ ही शरीर में फैट्स यानी चर्बी को इकट्ठे होने से रोकने में भी मदद करता है। इससे वजन कम करने और नियंत्रित करने में भी सहायता मिलती है।

मिर्च का सेवन अगर इतना लाभकारी है तो इसका जरूरत से ज्यादा या गलत तरीके से सेवन पेट संबंधी कई समस्याएं भी पैदा कर सकता है। इसमें सामान्य अपच से लेकर अल्सर और कैंसर तक शामिल हो सकते हैं। इसलिए मिर्च का सेवन हमेशा संतुलित मात्रा में ही करें और कोशिश करें कि हर तरह की मिर्च और कैप्सीकम का उपयोग करें। इसमें बेल पेपर, काली मिर्च भी शामिल करें। भोजन में डालने से लेकर सलाद की तरह इसका उपयोग आसानी से किया जा सकता है लेकिन बाजार के पैक्ड फ़ूड या जंक फ़ूड में उपस्थित मिर्च का कम से कम उपयोग करें, ये फायदे की जगह नुकसान दे सकती हैं। अगर डॉक्टर ने किसी ख़ास स्थिति में आपको मिर्च के सेवन के लिए मना किया है तो इससे दूरी बनाये रखें।

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