एसआरएमएस कालेज इंजीनियरिंग में  ‘एडवांस इन कम्प्यूटिंग आईसीएसी-2024’ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

बरेली ,25 फरवरी । श्रीराममूर्ति स्मारक कालेज आफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाजी, बरेली में कल अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘एडवांस इन कम्प्यूटिंग आईसीएसी-2024’ का आयोजन हुआ। यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन दुनिया भर के शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, उद्योग के पेशावरों और छात्रों को नवीनतम ज्ञान प्रदान करने हेतु प्रेरित किया।
कम्प्यूटिंग में नवीनतम प्रगति और चुनौतियों पर सहयोग और चर्चा को बढ़ावा देने के व्यापक उद्देश्य के साथ आईसीएसी-2024 विचारों के आदान प्रदान और अत्याधुनिक अनुसंधान परिणामों के प्रसार के लिये एक गतिशील अवसर प्रदान करने के लिये तैयार है।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मलित किये गए शीर्षक हैः-
एआई/एमएल, विग डेटा एनालिटिक्स एण्ड डीएस, क्लाउड कम्प्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी, आईओटी, एनएलपी, एचसीआई, साफ्टवेयर इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर वीजन एण्ड पैर्टन रिकोगनीशन, कम्प्यूटर ग्राफिक्स,  रोबोटिक्स आदि रहे। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किये जाने वाले शोध-पत्र विभिन्न देशों जैसे नाइजीनिया, श्रीलंका, इथोपिया आदि से भी सम्मिलित किये गये।
डा. मो0 सरफराज (एएमयू अलीगढ़) ने सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि कोविड-2019 के बाद से टैलीमेडिसन की डिमान्ड बहुत बढ़ गयी है और इसमें बहुत सारे डोमेन में रिसर्च एरिया का स्कोप ओपन हो गया है जैसे कि टेलीमोनेटिरिंग, क्रोनिक डिसीज मैनेजमेन्ट, रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम इलाज के लिए जोकि एआई/एम0ल की रिसर्च से सम्भव हो पाया है। प्रोफेसर (डा0) विनीता जिन्दल यूनिवर्सिटी आफ दिल्ली) ने अपने वक्तव्य में नेटवर्किंग व हिकुलर एडोहक नेटवर्क में रिसर्च के बारे में बताया। ट्रैफिक सिगनल अप्टिमाजेशन और रूट आप्टिमेशन की सम्भावनाओं के बारे में रिसर्च स्कालर और विद्यार्थियों को जानकारी दी। प्रोफेसर (डा0) विनय ऋषिवाल ( प्रोफेसर एण्ड हेड कम्प्यूटर साइंस विभाग, एम0जे0पी0 रूहेलखण्ड) ने कहा कि हमें डेटा संचयन की तीव्र आवश्यकता है। मुख्य अतिथि संस्था के चेयरमैन देवमूति जी ने अपने वक्तव्य में कहाकि कोई भी तकनीक का गलत प्रयोग न हो, क्योंकि आजकल उपयोग कम होता है, दुरूपयोग ज्यादा होता है। इसलिये हमें जरूरत के हिसाब से विकास लाना होता है और इसके साथ विचार साझा करना भी बहुत जरूरी है।
डा0 अब्दुलर हमान ( बीआईटी भोपाल) ने फजी लौजिक में रिसर्च के बारे में विस्तार से बताया।
महाविद्यालय के प्राचार्य एवं कान्फ्रेन्स डायरेक्टर प्रो0 (डा0) प्रभाकर गुप्ता ने अपने स्वागत वक्तव्य में सभी गणमान्य सदस्यों का स्वागत किया एवं कान्फ्रेन्स के उद्देश्य तथा सार पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सम्पूर्ण देश के शोध को एक साथ लाकर शोध की दिशा में कुछ नये आयाम स्थापित करना है। चैट जीपीटी से आज के युवा शोधकर्ता सीधे- सीधे कापी ना करे बल्कि खुद से लिखने का प्रयास करें ताकि प्रचार की नीति बनी रहै। प्रो. (डा0) एसएस वेदी ने कान्फ्रेन्स के विषय को विस्तार से बताया। कान्फ्रेन्स में सोमाया कुमार, तनीषा गुप्ता, अरविन्द कुमार मिश्रा, अग्रिमा अग्रवाल, गौरव यादव ने अपने शोध पत्र पढ़े। कान्फ्रेन्स कनवीनर, डॉ0 बजीह अहमद और ट्रस्ट एडवाइजर ई0 सुभाष मेहरा ने कान्फ्रेन्स के उद्देश्य और विषय के बारे में विस्तार से बताया। कान्फ्रेन्स के अन्त में ई0 आशीष अग्रवाल ने कान्फ्रेन्स की रिर्पोट पढ़ी, उन्होंने बताया कि इसमें 40 शोध पत्र प्राप्त हुये और प्रस्तुत किये गये।
कान्फ्रेन्स का धन्यवाद प्रस्ताव कम्प्यूटर सांइस इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष एवं आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डा0 शाहजहां अली और ई0 हीरेश कुमार गुप्ता ने दिया। सम्मेलन में सी0एस0 विभागध्यक्ष डा0 शाहजहाँ अली सहित तमाम विभागाध्यक्ष और विद्यार्थी उपस्थित रहे ।                                                        बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट
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