एसआरएमएस रिद्धिमा में वाद्ययंत्रों का “उद्ग्राह” कार्यक्रम

बरेली,08 अप्रैल। श्रीराम मूर्ति स्मारक रिद्धिमा में कल रिद्धिमा के वाद्ययंत्रों के गुरुओं और उनके विद्यार्थियों ने “उद्ग्राह” कार्यक्रम में पूर्व और पश्चिम के संगीत का मेल कराया और इसकी जुगलबंदी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का आगाज बंगाल और राजस्थानी सुगम संगीत से हुआ, इसे विद्यार्थियों ने गुरुओं के साथ प्रस्तुत किया। इसमें गायन गुरू स्नेह आशीष दुबे ने अलाप के जरिये अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वाद्य यंत्रों के गुरुओं ने अपने शिष्यों के साथ वायलिन, कीबोर्ड, पियानो, बांसुरी और ड्रम का प्रयोग कर पाश्यात्य संगीत की धुनों को प्रस्तुत किया। इसमें गायन गुरु प्रियंका ग्वाल ने अलाप के जरिये सहयोग किया। तीसरी प्रस्तुति में वादन गुरुओं ने पश्चिमी स्टाइल में भारतीय वाद्य यंत्रों से राग वसंती पर जुगलबंदी प्रस्तुत की। अंतिम प्रस्तुति भारतीय और पाश्चात्य वाद्ययंत्रों की जुगलबंदी के नाम रही। इसमें सितार और बांसुरी, हारमोनियम और गिटार, सारंगी और वायलिन की जुगलबंदी पर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। उद्ग्राह में उमेश मिश्रा (सारंगी), कुंवर पाल (सितार व इकतारा), सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), रोनी फिलिप्स (सेक्सोफोन), सूरज पांडेय (बांसुरी), हिमांश चंद्र (गिटार), आशीष सिंह (पियानो), टुकु मनी सेन (हारमोनियम), अमर नाथ (तबला), सुमन बिस्वास (घटम व खंजीरा), प्रियांशु मैसी (ड्रम) और सुरेंद्र (कांगो) और अपने विद्यार्थी आद्या गोयल, अनन्य कृष्ण, शिवांश अग्रवाल, मंतिका अरोरा, सार्थक कटारिया को संगत देकर उन्हें प्रोत्साहित किया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, सुभाष मेहरा, डा. एमएस बुटोला, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा. अनुज कुमार, डा. रीता शर्मा सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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