एस आर एम एस रिद्धिमा में गीतों से याद की सावन की फुहार


बरेली , 04 सितम्बर। अभिनय, नृत्य, गायन, वादन के साथ फाइन आर्ट्स को समर्पित एसआरएमएस रिद्धिमा में कल शाम गायन के विद्यार्थियों शालिनी, बीनल, आर्या, अभिश्री, अश्वत, पंखुड़ी, श्रेया, लतिका अग्रवाल ने गीतों के जरिए सावन की फुहार को याद किया. इस वर्ष करीब करीब रूठे सावन को मनाने के लिए उन्होंने गीतों का सहारा लिया. विद्यार्थियों ने कार्यक्रम का आगाज गणेश वंदना से किया. मेरे बांके बिहारी लाल और झूला झूले नंदलाल और झूलनी का रंग जैसे गीतों को भी विद्यार्थियों ने आवाज दी. गेस्ट परफार्मेंस के रूप में इंदू परडल ने सुनियो जी अरज हमारी, डा. अनुज कुमार ने तोरे नैना के लागे और डा. रीटा शर्मा ने बरसन लागी गीत को अपने स्वर देकर श्रोताओं को तो मंत्रमुग्ध किया ही, विद्यार्थियों की भी हौसला अफजाई की. गायन गुरु स्नेहाशीष दुबे और आयुषी मजूमदार ने क्रमशः लागी करेजवा और झूला धीरे से झुलावो बनबारी गाया. कार्यक्रम में वादन गुरुओं उमेश मिश्रा (सारंगी), कुंवर पाल (सितार), हिमांशु चंद्रा (गिटार), टुकुमनी सेन (तबला), चंद्र मोहन (बांसुरी) और सूर्यकांत चौधरी (वायलिन) ने गायकों का बखूबी साथ दिया. इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक और चेयरमैन देव मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, उषा गुप्ता जी, सुभाष मेहरा, डा. प्रभाकर गुप्ता और शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे । बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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