कंफर्म टिकट नहीं मिलने के बाद भी मिल सकती है सीट, जानिए क्या है रेलवे की ये खास स्कीम

 


नई दिल्ली. भारतीय रेलवे किसी और साधनों की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित और सुगम माध्यम है। आरामदायक सफर और सस्ते किराये की वजह से अधिकतर लोग भारतीय ट्रेनों में यात्रा करना ज्यादा पसंद करते हैं। यात्रियों के सफर को ज्यादा आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय रेलवे समय समय पर कई नियमों में बदलाव करता रहता है। इसी कड़ी में आज हम आपको रेलवे की एक खास विकल्प स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं। भारतीय रेलवे की विकल्प स्कीम की मदद से ट्रेनों में कंफर्म सीट मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है। अक्सर जब भी हम टिकट की बुकिंग वेटिंग में करते हैं। उस दौरान आगे चलकर अगर कंफर्म टिकट नहीं मिलती। इस स्थिति में सफर करना काफी मुश्किल हो जाता है। यात्रियों की इसी समस्या को देखते हुए भारतीय रेलवे ने विकल्प स्कीम की शुरुआत की है।

विकल्प स्कीम की शुरुआत साल 2015 में की गई थी। इस स्कीम को शुरू करने का उद्देश्य ट्रेनों में उपलब्ध बर्थ का बेहतर ढंग से उपयोग करना है। इस स्कीम के अंतर्गत वेटिंग लिस्ट वाले यात्री दूसरी ट्रेनों में कंफर्म बर्थ चुन सकते हैं।

इस स्कीम के अंतर्गत आप अधिकतम 7 ट्रेनों में ही विकल्प ऑप्शन का चुनाव कर सकते हैं। स्कीम के तहत आप बुक की गई ट्रेन के प्रस्थान समय से 12 घंटे के समय अवधि के भीतर चलने वाली ट्रेनों में सीट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। रेलवे का ये नियम सभी वेटिंग वाले यात्रियों के लिए है।

अगर आप विकल्प स्कीम का चुनाव ट्रेनों में टिकट बुक करते समय करते हैं। ऐसे में जब आपको वैकल्पिक ट्रेनों में सीट मिलती है। इस स्थिति में आप मूल ट्रेन की वेटिंग लिस्ट में शामिल नहीं होंगे।

विकल्प स्कीम का चुनाव आप उन्हीं टिकटों के लिए कर सकते हैं, जिन्हें आपने आईआरसीटीसी से बुक किया है। विकल्प स्कीम के अंतर्गत टिकट बुक करने पर कंफर्म सीट मिलने की संभावना पहले की अपेक्षा ज्यादा बढ़ जाती है।

 

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