कालसर्प दोष माना जाता है खतरनाक, जानिए इसके संकेत और दोष दूर करने का उपाय

नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के जन्मांग चक्र में राहु और केतु की स्थिति आमने-सामने की होती है। इसके साथ ही अगर बाकी सात ग्रह राहु केतु के एक तरफ हो जाएं और दूसरी ओर कोई ग्रह न रहे, तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है। इसे ही कालसर्प दोष कहा जाता है। कुंडली में कालसर्प दोष होने पर कई तरह के संकेत नजर आते हैं। जानिए कालसर्प दोष के लक्षण और उपाय के बारे में।

कू ऐप पर आध्यात्मिक गुरु श्री देवकीनंदन ठाकुर जी के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, तो एक समय पर उसे किसी न किसी तरह के संकेत मिलने लगते हैं जिन्हें समय रहते पहचान कर उपाय अपनाए जा सकते हैं। जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, तो उन्हें नौकरी-व्यापार में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा सपने में सांप अधिक दिखाई देना, गृह क्लेश रहना, कोई निर्णय ले पाने में असमर्थ, कार्य में बाधा आना, शत्रुओं का आप पर हावी होना आदि शामिल है।

कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति का उपाय बताते हुए उन्होंने कहा, “जिसकी कुंडली में कालसर्प दोष हो, सोमवार के दिन भगवान शिव के शिवलिंग पर गंगाजल मिले हुए जल से महामृत्युंजय मंत्र का पाठ 108 बार लगातार सात दिनों तक जो भी अभिषेक करता है, चंदन युक्त धूप महादेव को अर्पित करता है, तो कालसर्प दोष से निजात मिल जाती है।

दूसरा उपाय, चांदी के सर्प का जोड़ा बनाकर, सोमवार या शिवरात्रि या नागपंचमी को दूध में रखकर शिवलिंग पर चढ़ाने या अभिषेक करने से इस दोष की निवृत्ति हो जाती है। इसके लिए सर्व गायत्री का जाप करना चाहिए या महामृत्युंजय का जाप करना चाहिए। आप खुद नहीं कर सकते। इसके लिए कोशिश करें कि यज्ञोपवीतधारी, सर्प गायत्री का जाप करने वाले ब्राह्मण से मंत्र जाप करवाएं और आप अभिषेक करते जाएं।

काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए जातक को घर में मोर पंख धारण किए भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा घर में स्थापित करनी चाहिए, साथ ही हर दिन उनकी पूजा करनी चाहिए और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का नियमित रूप से 108 बार जाप करना चाहिए।

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