टाइटैनिक का मलबा देखने गया 13 साल का बच्चा जब बीच समुद्र में हो गया बेहोश! फिर….

पिछले हफ्ते टाइटन पनडुब्बी के बीच समुद्र में विस्फोट होने और उसमें सवार सभी पांच लोगों की मौत अभी तक सुर्खियों में बनी हुई है. इसी बीच टाइटैनिक का मलबे देखने वाले सबसे कम उम्र के गोताखोर सेबेस्टियन हैरिस ने अपनी 2005 का ऐतिहासिक यात्रा का एक दुखद अनुभव शेयर किया है. हैरिस ने बताया कि टाइटैनिक को देखने के लिए जब वो समुद्र की गहराई में जा रहे थे तब उनका और उनके साथ सवार बाकी लोगों का ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा था और वो बेहोश हो गए थे.

महज 13 साल की उम्र में हैरिस अपने पिता जी. माइकल हैरिस के साथ टाइटैनिक का मलबा देखने
एक एडवेंचर टूर पर निकले थे. द सन से बात करते हुए हैरिस ने बताया, ‘जब हमने पानी के अंदर डाइव लगाई, तब हमारे साथ एक बड़ी समस्या हो गई. अचानक हमारे ऑक्सीजन का लेवल गिरने लगा और जब हम नीचे जा रहे थे तब मैं बेहोश हो गया.’

उन्होंने बताया कि उनके साथ पनडुब्बी में पायलट के अलावा उनके पिता सवार थे. सौभाग्य से उनके पिता और पायलट, ऑक्सीजन की कमी के बावजूद बेहोश नहीं हुए जिस कारण एक बड़ा हादसा टल गया. इस घटना का जिक्र करते हुए हैरिस ने कहा कि इस तरह की यात्राएं खतरनाक होती हैं और इस दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि जब वो टाइटैनिक का मलबा देखने गहरे समुद्र में गए थे तब उनकी उम्र महज 13 साल की थी और उन्हें अंदाजा नहीं था कि पानी के अंदर उन्हें किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. वो कहते हैं, ‘इस तरह की यात्राएं स्वाभाविक रूप से खतरनाक होती हैं.’

हैरिस का कहना है कि उन्हें अपनी पहली टाइटैनिक यात्रा से बहुत सीख मिली है और अगर उन्हें कभी टाइटन पर सवार होकर टाइटैनिक का मलबा देखने का प्रस्ताव दिया जाता तो वह कभी उसे स्वीकार नहीं करते. उन्होंने कहा कि इस तरह की त्रासदी से सीखने की जरूरत है और लोगों को अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए.

लास वेगास (अमेरिका) के अरबपति रियल एस्टेट डेवलपर जे ब्लूम ने खुलासा किया है कि पाकिस्तानी बिजनेसमैन शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान से पहले टाइटन पर सवार होकर टाइटैनिक का मलबा देखने जाने की पेशकश उन्हें और उनके बेटे को हुई थी.

टाइटन के सीईओ स्टॉकटन रश ने उन्हें टाइटन की सवारी के लिए मनाते हुए कहा था कि इसकी सवारी सड़क पार करने से भी ज्यादा सुरक्षित है. हालांकि, उन्होंने समय की कमी और सुरक्षा चिंताओं की बात करते हुए टाइटन पर सवार होकर अपने बेटे के साथ गहरे समुद्र में जाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद उनके लिए बचाकर रखी गई दो सीटों को शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान को दे दिया गया.

ब्लूम ने एक फेसबुक पोस्ट में इस बात का खुलासा करते हुए स्टॉकटन से बातचीत का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है. ब्लूम ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘फरवरी में स्टॉकटन ने मुझसे और मेरे बेटे सीएन से टाइटन पर सवार होकर गहरे समुद्र में जाने की पेशकश की थी. वो मई के महीने में जाने वाले थे लेकिन मई वाली यात्रा खराब मौसम के कारण स्थगित कर दी गई. फिर तय हुआ कि टाइटन अपने एडवेंचर पर 18 जून को निकलेगी.’

ब्लूम ने आगे लिखा कि जब मैंने स्टॉकटन से सुरक्षा को लेकर अपना डर जाहिर किया तो उसने मुझसे कहा, ‘इसमें खतरा है लेकिन यह खतरा हेलिकॉप्टर में सवार होने या स्कूबा डाइविंग की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित है. नॉन मिलिट्री पनडुब्बियों में 35 सालों में एक भी आदमी घायल नहीं हुआ है.’

ब्लूम ने बताया कि स्टॉकटन को पूरा विश्वास था कि पनडुब्बी पूरी तरह सुरक्षित है. उन्होंने लिखा, ‘मुझे यकीन है कि वह जो कह रहा था उस पर उसे सचमुच विश्वास था. लेकिन वह बहुत गलत था. वह जो कर रहा था उस पर पूरी लगन से विश्वास करता था.’

उन्होंने आगे लिखा कि आखिरी बार मैंने स्टॉकटन को 1 मार्च को देखा था. वह मुझे लक्सर में टाइटैनिक प्रदर्शनी को दिखाने ले गया था. फिर लक्सर फूड कोर्ट में लंच के समय हमने समुद्र में डाइविंग और उसके सुरक्षा को लेकर बात की. उसका कहना था कि यह तो सड़क पार करने से भी ज्यादा सुरक्षित है. उसने मुझे तस्वीरों वाली एक किताब भी दी थी जिसपर उसके और पॉल हेनरी नार्जेलेट (टाइटन हादसे में मारे गए पांच लोगों में से एक) के हस्ताक्षर थे.

अपनी पोस्ट में ब्लूम ने आगे लिखा, ‘मैंने उससे कहा कि हम समय की कमी के कारण अगले साल तक टाइटैनिक को देखने नहीं जा सकते. इसके बाद हमारी सीटें शहजादा दाऊद और उनके 19 साल के बेटे सुलेमान दाऊद को दे दी गईं.

ओशनगेट कंपनी की पनडुब्बी टाइटन 18 जून रविवार को टाइटैनिक का मलबा दिखाने बीच समुद्र में उतरी थी. लेकिन 1:45 मिनट बाद ही जहाज से उसका संपर्क टूट गया. पनडुब्बी में ओशनगेट के सीईओ और पनडुब्बी के पायलट स्टॉकटन रश, पाकिस्तानी बिजनेसमैन शहजादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान के अलावा ब्रिटेन के अरबपति हार्मिश हार्डिंग और फ्रेंच एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट शामिल थे.

बीते गुरुवार को पनडुब्बी का मलबा समुद्र की सतह पर ढूंढा लिया गया. मलबा टाइटैनिक जहाज के अगले हिस्से के मलबे से 1,600 फीट नीचे मिला है. पनडुब्बी की तलाशी अभियान का नेतृत्व कर रहे अमेरिका कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन मॉगर ने बताया कि पनडुब्बी विनाशकारी विस्फोट का शिकार हो गई.

इस तरह के विस्फोट में पनडुब्बी बेहद कम समय में अपने आप में सिकुड़ गई होगी और उसके परखच्चे उड़ गए होंगे. यानी 6.7 मीटर लंबी पनडुब्बी पर एक मिलीसेकंड में एफिल टावर के वजन जितना दबाव पड़ा होगा.

 

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