दुनिया की ये है इकलौती मां, जो बिना जन्म दिए बनी 150 बेटियों की मां, हैरान करने वाली है इनके संघर्ष की कहानी

नई दिल्ली: दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं जिसमें कुछ लोग गरीब तो कुछ अमीर होते हैं। वर्तमान में हर परिवार चाहता है कि उसका छोटा परिवार रहे, क्योंकि महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ रही है कि वहां सिर्फ एक बेटा चाहता है। ऐसे में अगर एक से ज्यादा भी हो जाए तो ऐसे में उन्हें औलाद बोझ लगने लग जाती है। गरीबी वहां चीज है जो अच्छे इंसान को भी तोड़ कर रख देती है। इसी बीच हम आपको एक ऐसी मां की कहानी बताने जा रहे हैं जिसकी एक या दो बेटियां नहीं बल्कि 150 बेटियां है, हालांकि यह सुनकर आपको हैरानी जरूर होगी लेकिन यह सच है।

30 साल की लीलाबाई गरीबों के लिए बनी मसीहा
दरअसल हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बाड़मेर जिले की बालोतरा शहर की लीलाबाई की। जिनकी उम्र महज 30 साल है, लेकिन आज लीलाबाई हर गरीब परिवार के लिए मसीहा बनकर सामने खड़ी है। लीलाबाई एक किन्नर संघ से है और किन्नर संघ की अध्यक्ष भी है, लेकिन आज वहां एक मां बनकर गरीब परिवार की मदद करने में लगी है। दरअसल लोगों के मन में किन्नर समाज के प्रति एक अलग ही अवधारणा है, लेकिन भगवान ने उन्हें बनाया है। उन्हीं में से आज एक लीलाबाई है जोकि आज समाज सेवा करने में लगी है।

बेटियों को गोद लेकर करवाती है शादी
लीलाबाई उन गरीब परिवारों की मदद करती है जो मां बाप अपनी बेटियों की शादी करने में सक्षम नहीं होते है। ऐसे में लीलाबाई एक मां का कर्तव्य निभाते हुए उन बेटियों को गोद लेती है और उनकी शादी का पूरा खर्च उठाने के साथ ही दहेज का सामान लेकर स्वयं शादी करवाती है। लीलाबाई के इस तरह समाजसेवा करने के काम को काफी प्रेरणा मिलती है और लोग भी उनकी काफी तारीफ और सराहना करते हैं।

गरीब बेटी की शादी का पूरा खर्च उठाती है लीलाबाई
लीलाबाई ने कहा कि वहां भी एक गरीब परिवार से निकली है। 30 वर्ष पहले एक बस्ती में उनका परिवार रहता था। उनके घर एक बेटी थी उन्होंने देखा कि यह परिवार बेटी के संस्कार पूरा करने में असमर्थ है तो लीलाबाई ने उनकी बेटी को गोद लिया और शादी करवाई। जिससे उन्हें काफी सुकून महसूस हुआ। इसके बाद से लीलाबाई जिले के अंदर और गांव की गरीब परिवार की बेटियों को गोद लेकर उनकी शादी करवाती है। इतना ही नहीं शादी में जितना भी खर्च और दहेज लगता है वहां पूरा उनकी तरफ से देती है।

3 साल पहले शुरू किया इस तरह का सफर
इसके साथ ही लीलाबाई गौ सेवा भी करती है। लीलाबाई ने बेटियों को गोद लेकर शादी करने का सफर करीब 3 साल पहले शुरू किया था। अब तक वहां करीब डेढ़ सौ से अधिक बेटियों को गोद लेकर शादी करवा चुकी है। एक खास बात और है कि लीलाबाई गाय माता का संरक्षण भी करती है। उनकी दुआओं से मिली राशि का एक हिस्सा वह गौ सेवा के लिए रखती है। वहीं गौमाता के खाने के लिए चारा और पानी की व्यवस्था भी खुद से करती है। लीलाबाई बालोतरा शहर में किन्नर समाज की अध्यक्ष हैं उनके पास सारे शिष्य भी रहते हैं वहां एक अच्छी समाजसेवी का है।

गरीब बच्चों की पढ़ाई का उठाती है खर्च
इसके साथ ही एक खास बात और है कि लीलाबाई जो बच्चे नहीं पढ़ पाते हैं या जिन माता पिता के पास बच्चों की फीस भरने और पढ़ाने के लिए पैसे नहीं होते हैं। उनकी मदद लीलाबाई करती है। उनकी स्कूल की फीस भरने के साथ किताबें, ड्रेस और जूते के साथ ही सारी व्यवस्था और खर्च लीलाबाई उठाती है। इसके अलावा ठंड के मौसम में भी गरीब बस्तियों में जाकर स्वेटर, जूते, कपड़ों का भी वितरण करती है ।अब ऐसे में लीलाबाई इस समय सोशल मीडिया पर समाजसेवी के रूप में सुर्खियां बटोर रही है।

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