नेतन्याहू के आलोचकों ने जर्मनी, ब्रिटेन से उनकी यात्रा रद्द करने का आग्रह किया

यरुशलम: इज़राइल के सैकड़ों लेखकों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने जर्मनी और ब्रिटेन से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उनके देश की आगामी यात्राओं को रद्द करने का आह्वान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इज़राइल की न्यायिक प्रणाली में बदलाव की नेतन्याहू की योजना ने देश को विनाशकारी रास्ते पर ला खड़ा किया है।

दरअसल, इज़राइल में नेतन्याहू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत उच्चतम न्यायालय की शक्तियों में कटौती करते हुए सरकार को न्यायधीशों की नियुक्ति का अधिकार देने का प्रावधान है।

सरकार का तर्क है कि काफी समय से लंबित इस प्रावधान का मकसद अनिर्वाचित न्यायाधीशों के व्यापक प्रभाव में कमी लाना है। हालांकि, नेतन्याहू के आलोचकों का कहना है कि यह प्रावधान सत्ता पर नेतन्याहू और उनकी सरकार का एकाधिकार कायम करने में मददगार साबित होगा।

आलोचकों का यह भी आरोप है कि भ्रष्टाचार का सामना कर रहे नेतन्याहू ने कानून के शिकंजे से बचने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया है। न्यायिक प्रणाली में बदलाव के नेतन्याहू सरकार के प्रयासों के खिलाफ इज़राइल में पिछले दो महीने से बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।

पिछले हफ्ते नेतन्याहू के खिलाफ इतने उग्र प्रदर्शन हुए थे कि उन्हें इटली के अपने आधिकारिक दौरे पर रवाना होने के लिए हेलीकॉप्टर के जरिये हवाई अड्डे पहुंचना पड़ा था।

इज़राइल में जर्मन और ब्रिटिश राजदूतों को मंगलवार को लिखे एक पत्र में नेतन्याहू के लगभग 1,000 आलोचकों ने कहा कि इज़राइल अपने इतिहास के सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है और नेतन्याहू देश को ‘‘तानाशाही लोकतंत्र’’ में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने लिखा, ‘‘नेतन्याहू के खतरनाक और विनाशकारी नेतृत्व तथा अलोकतांत्रिक कानून के जरिये राज्य की संस्थाओं को नष्ट करने की कोशिशों के खिलाफ व्यापक नागरिक आंदोलन के मद्देनजर हम जर्मनी और ब्रिटेन से तत्काल यह घोषणा करने का आग्रह करते हैं कि नेतन्याहू की उनके देश की प्रस्तावित यात्राएं रद्द की जाती हैं।’’

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