पुराने समय में इसलिए अनेक शादियाँ करते थे राजा महाराजा, होती थी कई रानियाँ

भारत के इतिहास के अनुसार प्राचीन समय में भारत देश में अनगिनत राजा महाराजाओं का शासक था। जी हां भारत देश के हर कोने में राजाओं की हुकूमत चलती थी और उन्ही के हुकूम के अनुसार किसी राज्य पर युद्ध करने का एलान किया जाता था। हालांकि भारतीय इतिहास में केवल राजाओं के बारे में ही नहीं बल्कि रानियों के बारे में भी काफी कुछ सुनने को मिलता है। वैसे आपने प्राचीन इतिहास में राजाओं की लड़ाई के बारे में तो काफी कुछ पढ़ा और सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते है कि में पुराने जमाने में आखिर क्यों राजा महाराजा एक से ज्यादा शादियां करते थे। क्या ये उनका शौंक था।

बहरहाल एक से ज्यादा शादियां करना राजाओं का शौंक था या उनकी मोहब्बत ये तो हम नहीं कह सकते, लेकिन हम आपको कुछ ऐसे राजाओं से जरूर रूबरू करवाना चाहते है, जिन्होंने एक से कही ज्यादा शादियां की है और जिनके शौंक काफी अजीबोगरीब थे। तो चलिए अब आपको इस जानकारी के बारे में विस्तार से बताते है।

1. सबसे पहले हम यहाँ भरतपुर के महाराज किसन सिंह की बात करते है। आपको जान कर हैरानी होगी कि राजा किसन सिंह ने एक या दो नहीं बल्कि चालीस शादियां की थी। वही अगर हम इनके शौक की बात करे तो इन्हे तैराकी का बहुत ज्यादा शौक था। यहाँ तक कि अपने इस शौक को पूरा करने के लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार थे। बता दे कि महाराजा ने अपने शौक को पूरा करने के लिए गुलाबी संगमरमर वाली एक झील बनवा ली। केवल इतना ही नहीं इसके इलावा इस झील में उतरने के लिए चंदन की लकड़ियों वाली सीढियाँ बनवा ली।

गौरतलब है कि यहाँ चंदन की बीस सीढियाँ कुछ इस प्रकार बनी हुई थी, जिस पर दो व्यक्ति आराम से खड़े हो सकते थे। ऐसे में राजा किसन सिंह की पत्नियां निर्व;स्त्र हो कर उनका स्वागत करने के लिए हाथ में मोमबत्ती लेकर वहां खड़ी रहती थी। इस दौरान रोशनी आने के बाकी सभी साधनों को बंद कर दिया जाता था। फिर जिस रानी की मोमबत्ती आखिर तक जली रहती थी, राजा किसन सिंह उसी रानी के साथ रात्रि का समय बिताते थे।

2. इसके बाद हम राजा फिरोजशाह तुगलक की बात करते है। बता दे कि ये उस समय की बात है जब फिरोजशाह तुगलक महाराजा नहीं बने थे, बल्कि वह केवल राजकुमार ही थे। इन्हें शिकार का काफी शौक था और तब जंगलों के बीच एक ऐसी जगह थी जहाँ अपने परिजनों के साथ केवल कुछ लोग रहते थे। तब गुजरी नाम की एक महिला वहां हर रोज दूध बेचने के लिए जाती थी और दूध बेच कर ही धन कमाती थी। इसी जगह पर फिरोजशाह की मुलाकात गुजरी से हुई थी। यहाँ तक कि गुजरी से मिलने के बाद फिरोजशाह उनके प्यार में दीवाने हो चुके थे और गुजरी उनकी प्रेमिका बन चुकी थी।

फिर जब फिरोजशाह ने गुजरी को दिल्ली दरबार में एक सम्माजनक स्थान देने की बात कही तो गुजरी ने इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया। इसलिए फिरोजशाह ने गुजरी से मिलने के लिए हिसार में एक किले का निर्माण करवाया और खुद के लिए एक गुजरी महल बनवाने का आदेश दिया। हालांकि फिरोजशाह ने गुजरी से प्रेम करने के बावजूद भी अपने जीवनकाल में बहुत सी शादियां की थी।

3. अब हम पटियाला के महाराज भूपेंद्र सिंह की बात करते है, जिनके एक नहीं दो नहीं बल्कि अठासी बच्चे थे और उनकी हरम में भी कई महिलाएं मौजूद रहती थी। आपको जान कर हैरानी होगी कि राजा भूपेंद्र सिंह साल में एक बार निर्वस्त्र हो कर हरम में जा कर परेड जरूर करते थे, ताकि उनकी पत्नियों को यकीन हो सके कि वे जिन्दा और स्वस्थ है।

4. अब अगर हम मुगल बादशाह शाहजहां की बात करे तो इनके किस्से और कहानियों के बारे में तो आप सब बखूबी जानते ही होंगे। जी हां शाहजहां अपनी पत्नी मुमताज से इतना ज्यादा प्यार करते थे कि उनकी याद में ताजमहल तक बनवा दिया। मगर आपको जान कर ताज्जुब होगा कि अपने चौदहवे बच्चे को जन्म देने के दौरान मुमताज की मृत्यु हुई थी और तब मुमताज की उम्र 39 साल थी।

यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि शाहजहां अपनी पत्नी मुमताज से इतना ज्यादा प्यार करते थे कि उन्होंने मुमताज के इलावा अपनी किसी दूसरी पत्नी से बच्चे पैदा नहीं किए। ऐसे में लगातार बच्चों को जन्म देने के कारण ही मुमताज को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था और इसी वजह से उनकी मौत हो गई। हालांकि मुमताज की मौत के बाद शाहजहां ने न केवल अपनी कजिन से शादी की, बल्कि आठ शादियां और भी कर ली।

प्राचीन समय में आखिर क्यों

बहरहाल राजा महाराजा पुराने जमाने में आखिर क्यों इतनी शादियां करते थे, इसका जवाब तो आप सब को मिल ही गया होगा। शायद इसलिए क्यूकि उन्हें अपनी हरम में एक से ज्यादा रानियां रखने का शौक था और जिस राजा के जितने बच्चे होते थे, उसकी ताकत उतनी ही ज्यादा मजबूत मानी जाती थी। इसके इलावा ऐसा भी कहा जाता है कि जिस राजा की जितनी ज्यादा पत्नियां होती थी, उसके पुरुषत्व का लोहा उतना ही ज्यादा माना जाता था।

 

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