पेड़ों पर होती है काली मिर्च की खेती, कम लागत में होता है लाखों का मुनाफा, जाने तरीका

भारतीय मसालों का स्वाद दुनियाभर में मशहूर है और अगर इन मसालों में काली मिर्च की बात नहीं की तो ये नाइंसाफी होगी. क्योंकि आज इसे हम हर मसालों में डेली इस्तेमाल करते हैं. इससे ना केवल खाने का स्वाद दोगुना हो जाता है, बल्कि इसमें मौजूद गुण हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी भी है और हां अगर किसी को खेती करने की इच्छा हो तो वो काली मिर्च की खेती को अपना विकल्प चुन सकता है.

ऐसा माना जाता है कि, इसकी खेती करना काफी आसान रहता है और इसमें लागत से कई ज्यादा अधिक मुनाफा रहता है. इसका मतलब आप घाटे की गुंजाइश बिल्कुल ना के बराबर ही समझें. जी हां, एकदम सही सुना आपने काली मिर्च की खेती कम लागत के साथ ज्यादा मुनाफा दिलाने का काम काम करती है.

काली मिर्च की तासीर गर्म होती है, इसलिए ये सर्दियों के दिनों में सेहत के लिए काफी लाभकारी साबित होती है. स्वास्थ्य के लिए जरूरी गुणों से युक्त काली मिर्च की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. भारत में इसको लगभग हर खाने की चीज में उपयोग किया जाता है. इसकी खेती की खास बात यह है कि बिना किसी मेहनत के इसका उत्पादन बहुत ही अच्छा होता है, जो भी किसान इसकी खेती करने का मन बना रहे हैं. उन्हें यह जानकर खुशी होगी कि भारत से हर साल बड़ी मात्रा में काली मिर्च का निर्यात किया जाता है. सही तरीके से खेती करने पर इसका का उत्पादन और भी काफी अच्छा होता है. घाटे की गुंजाइश बिल्कुल ना के बराबर रहती है.

कहां होता है सबसे ज्यादा काली मिर्च का उत्पादन ?
वैसे तो काली मिर्च की खेती सबसे ज्यादा दक्षिण भारत में होती है. मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इसकी खेती जमकर की जाती है. महाराष्ट्र और असम के पहाड़ी इलाकों में भी अब इसकी खेती की जानी शुरू हो गई है. वहीं छत्तीसगढ़ भी अब काली मिर्च की खेती के लिए हॉटस्पॉट बन चुका है. यहां तक की एब इसकी खेती केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में भी काफी चर्चित है.

किस मौसम में खेती किफायती
ऐसा माना जाता है कि काली मिर्च की खेती के लिए बहुत ही ज्यादा ठंडी जगह उपयुक्त विकल्प नहीं है. इसके लिए 12 डिग्री से ऊपर का तापमान होना जरूरी है. इससे नीचे के तापमान में इसकी खेती नहीं हो सकती. जिन इलाकों में बारिश ठीक-ठाक होती है, वहां इसकी खेती अच्छी होती है. काली मिर्च की खेती के लिए साल में बारिश होना सही रहता है, वैसे तो ये किसी भी तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है, लेकिन इसकी खेती के लिए लाल मिट्टी सबसे उपयोगी मानी जाती है.

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