फेंके गए पत्थरों का इस्तेमाल अपना महल बनाने में करें

मुंबई: जीवन में हम कितना ही बेहतर काम क्यों न कर लें, किसी न किसी की नज़र में कमतर ही रहते हैं। कहने का अर्थ यह है, जरूरी नहीं कि हर एक इंसान हमसे हरदम खुश ही हो। कई दफा ऐसी स्थिति भी सामने आती है, जब सामने वाला हर वक्त आप पर दोष मढ़ता है या फिर खुद को बेहतर साबित करने की आड़ में आपकी छवि खराब करने की कोशिश में लगा रहता है। हालाँकि, यह खुद में बहुत ही निरर्थक है, लेकिन काम बड़ी ही तेजी से करता है, खासकर उन लोगों के सामने जो किसी को नीचा दिखाने में समान भाव रखते हैं।

सीधे शब्दों में कहें, तो यह ईर्ष्या का बहुत बड़ा रूप है। अब इससे कैसे निपटना है, यह आपको तय करना है। बदले की भावना आपको इन्हीं लोगों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देगी, वहीं इस नकारात्मकता के पेड़ में से सकारात्मकता के फलों का चयन आपको निश्चित ही भीड़ से अलग जगह देगा। इस पर अपने भाव व्यक्त करते हुए दिग्गज अभिनेता और मोटिवेशनल स्पीकर, अनुपम खेर ने स्वदेशी सोशल मीडिया मंच, कू ऐप पर बड़ी ही खूबसूरत पंक्ति लिखी है, जो इस प्रकार है:

यदि विचार करें, तो बात बहुत गहरी है। जीवन के कई बड़े मोड़ पर लोग आप पर पत्थर फेंकेंगे। बस यही इम्तेहान की घड़ी है। इन पत्थरों को उन लोगों पर वापस कतई न फेंकें, बल्कि उन्हें इकट्ठा करें और नए आशियाने का निर्माण करें। जब ऐसा होता है, तो आपको चलते रहना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए। आपको खुद को सही साबित करना ही होगा, क्योंकि आखिरकार यह आपके संयम और सत्यता का सवाल है। एक दिन आएगा, जब आप अपनी सफलता के परचम लहरा रहे होंगे और वो लोग उसी जगह पर हथियार बिछाए खड़े रह जाएँगे, लेकिन तब तक आप इस षड्यंत्र वाली राह से बहुत आगे बढ़ चुके होंगे।

हर वह व्यक्ति, जिसने कभी कुछ महान हासिल किया है, उसे बहुत-सी विपत्तियों को दूर करना पड़ा है। इसे मूलमंत्र के रूप में अपने जीवन में उतार लें और बढ़ते चलें उस राह पर, जो आपकी मंजिल की तरफ जाती है।

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