यूपी में पत्नी की गर्दन पर कुल्हाड़ी से किए सात वार, दुधमुंही मासूम को बर्बरता से मारा, रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

उन्नाव. उन्नाव के बारासगवर अपनी पत्नी और दुधमुंही बिट्टो की मोहन ने बड़ी बेरहमी से हत्या की थी। पत्नी सीमा की गर्दन पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ सात वार किए, जबकि मासूम बिट्टो की एक ही वार में मौत हो गई। इसके बाद उसने फंदा लगाकर जान दे दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, खाना खाने के एक घंटे बाद इस वारदात को अंजाम दिया गया।

मृतक के छोटे भाई की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है। सोमवार सुबह एसपी ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। ग्राम पंचायत मझिगंवा के रूदीखेड़ा गांव निवासी सेवानिवृत्त राजस्वकर्मी श्यामलाल के बेटे मोहन कुमार (35) ने पारिवारिक कलह में रविवार रात को इस हत्याकांड को अंजाम दिया।

उसका छोटा भाई सोहन उसके घर पहुंचा तब घटना की जानकारी हुई थी। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर तीनों शव बाहर निकाले थे। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से ही हत्या में प्रयोग की गई कुल्हाड़ी बरामद की। सोमवार सुबह एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना और एएसपी शशिशेखर ने गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों और ग्रामीणों से घटना के बारे में जानकारी ली।

सीमा की मां नरेंद्रपुर निवासी विद्यावती अपनी बड़ी बेटी शबनम के साथ थाने पहुंचीं और घटना की सूचना न देने पर नाराजगी जताई। कहा कि मायके वालों को बिना सूचना दिए शव कमरे से बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए क्यों भेजे गए।

छोटे भाई सोहन ने बताया कि हम सभी के मकान अलग-अलग थे, लेकिन खाना सभी एक साथ खाते थे। माता शांति व पिता श्यामलाल उसके (सोहन) के साथ रहते हैं। सोहन के मुताबिक, खाना उसी के घर में बनता था। सभी एक साथ बैठकर खाते थे। रविवार को भी सुबह 11 बजे मोहन, सीमा ने घर आकर खाना खाया था।

सोहन के मुताबिक, सुबह खाना खाने के बाद मोहन और सीमा गांव में चल रहे यज्ञ में शामिल हुए थे। वहां दोनों ने फेरी लगाने के साथ प्रसाद भी बांटा था। यज्ञ में काफी देर रुकने के बाद घर गए थे। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि इतना बड़ा कदम उठा लिया।

सोहन ने बताया कि वह चार भाई हैं। सबसे बड़े अनिल अहमदाबाद में रहते हैं, जबकि दूसरे नंबर के सुनील हिलौली ब्लॉक में शिक्षक हैं और परिवार सहित उन्नाव में रहते हैं। हम दो भाई गांव में रहते थे। चार महीने से मोहन का मानसिक संतुलन खराब हो गया था। वहीं, अहमदाबाद में रहने वाले भाई का भी मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता है। दोनों को लखनऊ पीजीआई दिखाने की बात घर पर चल रही थी, लेकिन इससे पहले यह घटना हो गई।

सोहन के मुताबिक, मोहन ने बीएड करने के बाद टीईटी की परीक्षा दी थी, लेकिन वह पास नहीं हो पाया था। टीईटी की वह तैयारी भी कर रहा था। कहीं नौकरी न मिलने से परेशान रहता था।

 

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