ये है असली बेटा, आज का ‘श्रवण कुमार’, मां की याद में करवा रहा है भव्य मंदिर का निर्माण

श्रीकाकुलम. आंध्र प्रदेश का एक जिला है श्रीकाकुलम जहां के एक बेटे ने अपनी मां के निधन के बाद उनके सम्मान और उनकी याद में कुछ ऐसा किया है कि जिसे जानने के बाद किसी को भी श्रवण कुमार की याद आ जाए. हालांकि इस बेटे का नाम भी श्रवण कुमार ही है. दरअसल, कुछ साल पहले ही उनकी मां का निधन हो गया. फिर साल 2019 में शख्स ने एक मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया. अपनी मां की याद में श्रवण कुमार ने मंदिर निर्माण कार्य को शुरू करवाया था. श्रवण कुमार ने मंदिर में पत्थर की तराशी गई मां की मूर्ति को स्थापित करवाने का संकल्प किया.

इस मंदिर के निर्माण के लिए बिहार से श्रमिकों को बुलाया गया और उन्हें ही निर्माण कार्य को सौंपा गया. पिछले साल ही इस बारे में श्रवण कुमार ने कहा था कि वो अपनी मां से प्यार करते हैं पर कुछ समय पहले उन्होंने अपनी मां को खो दिया. इसके बाद उनकी याद में एक मंदिर का निर्माण करवाना चाहते थे. फिल साल 2019 में मंदिर के निर्माण कार्य को शुरू किया गया. श्रवण कुमार ने बताया था कि उनकी मां की मूर्ति छह फीट ऊंची होगी जो कि एक ही पत्थर से तराशी जाएगी.

पत्थर से मूर्ति तराशने के काम से जुड़े एक शख्स ने बताया कि इस काम को पूरा होने में दो साल का वक्त लगेगा. तब शख्स ने बताया था कि चार महीने से वो इस काम में लगे थे. दो साल के भीतर इस काम को पूरा करने का लाइम उन्हें दिया गया है. उनकी पूरी टीम इस काम को पूरा करने में लगी है. तय समय में काम पूरा करने की कोशिश में पूरी टीम लगी है.

व्यवसायी श्रवण कुमार जिले के अमुदलवलसा मंडल में आने एक गांव चीमावलसा के निवासी हैं. रामायण के एक पात्र श्रवण कुमार जो कि अपने माता पिता को चारों धाम की यात्रा करनाता था, ये शख्स भी उसी श्रवण कुमार के नाम से जाने जाते हैं. श्रवण कुमार पेशे से एक व्यवसायी हैं और हैदराबाद में अपना काम करते हैं.

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