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रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर इसलिए लिखते हैं समुद्र तल से ऊंचाई, होती हैं ये 3 बड़ी वजहें

नई दिल्ली. जब भी आप रेलवे स्‍टेशन जाते हैं तो आपने समुद्र तल से ऊंचाई देखी होगी. वहां आपने स्‍टेशन के नाम के नीचे समुद्र तल से ऊंचाई जैसे 500 मीटर, 250 मीटर, 310 मीटर लिखा होता है. आपके भी मन में ये सवाल कई बार आया होगा, लेकिन क्‍या आपने जानने की कोशिश की. दरअसल, समुद्र तल से ऊंचाई लिखने की वजह यात्रियों की सुरक्षा होती है. बोर्ड पर लिखे इस साइन से लोको पायलट को ट्रेन चलाने में आसानी होती है. इससे रेलवे चालक ट्रेन की स्‍पीड को सही तरीके से कंट्रोल कर पाता है. आइए समझते हैं इसकी वजह.

आपने रेलवे स्‍टेशन के बोर्ड पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखी देखी होगी. इस समुद्र तल की ऊंचाई से पैसेंजर का कोई लेना देना नहीं होता है, लेकिन लोको पायलट के लिए बड़े काम की चीज होती है क्‍योंकि अगर ये साइन बोर्ड न रहे तो यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है. वैसे तो रेलवे चालक अपने काम को बखूबी जानते हैं और उन्‍हें पता होता है कि समुद्र तल की ऊंचाई और कमी के दौरान ट्रेन को कैसे चलाना है?

आपको MSL का मतलब भी पता होना चाहिए और इसे लिखना क्‍यों जरूरी है? MSL यानी मीन सी लेवल. ये चीजें ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड की मदद के लिए यहां लिखी जाती है. जिससे ट्रेन के ड्राइवर को ये बात पता चल जाती है कि अगर आगे ऊंचाई है तो ट्रेन की स्‍पीड कितनी रखनी है?

ट्रेन ऊंचाई की तरफ आसानी से आगे बढ़ सके और जब ट्रेन समुद्र तल के नीचे की तरफ जाए, तो ट्रेन की स्‍पीड कितनी होनी चाहिए? लोको पायलट को इस दौरान ट्रेन की गति कितनी रखनी होगी. इसके अलावा इसी से पता चलता है कि ट्रेन को किस रफ्तार में आगे बढ़ाना है. इस तरह लोको पायलट की सुविधा के लिए समंदर तल की ऊंचाई (MSL) रेलवे स्‍टेशन के बोर्ड पर लिखी जाती है.

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