वंदे भारत ट्रेन में अब होंगे AC स्लीपर कोच, रफ्तार के साथ सुविधाएं भी होंगी बेहद खास

नई दिल्ली. अपनी तेज रफ्तार के लिए जानी जाने वाली वंदे भारत ट्रेनें अपनी शुरुआत से ही यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय हो चुकी हैं. यह भारत में सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की पहली श्रृंखला है जो यात्रियों के लिए उच्च श्रेणी की सुविधाओं से लैस है. यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है, लेकिन सुरक्षा मुद्दों को ध्यान में रखते हुए इस गति 130 किमी प्रति घंटे ही रखी गई है. इस रफ्तार में कई मार्गों पर यात्रा के समय में इसकी स्पीड में 25% से 45% की कटौती की जाती है.

इन सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों ने चेन्नई से बेंगलुरु जैसे छोटे मार्गों पर रेल यात्रा को तेज कर दिया है, जहां आप हवाई यात्रा को कुछ घंटों से पछाड़ते हुए केवल साढ़े चार घंटे में प्रत्येक शहर के केंद्र तक पहुंच सकते हैं. अब वंदे भारत ट्रेनों में स्लीपर कोच भी लग रहे हैं. सरकार की योजना लंबी दूरी की यात्रा के लिए वंदे भारत ट्रेनों में स्लीपर कोच जोड़ने की है. अभी तक देश में चलाई जा रही सभी वंदे भारत ट्रेनें चेयर कार हैं. ये लंबी दूरी के लिहाज से ज्यादा आरामदायक नहीं मानी जाती.

रेल मंत्री के एक बयान के अनुसार, नए कोच एल्यूमीनियम से बने होंगे और 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने वाली ट्रेनों में जोड़े जाएंगे. मंत्रालय के अनुसार, देश में 400 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन होगा. महाराष्ट्र के लातूर में रेलवे सुविधा और चेन्नई में आईसीएफ इन कोचों को बनाएगा. 200 वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन का अनुबंध जारी किया गया है. 120 वंदे भारत कोच सबसे कम कीमत वाले बोली लगाने वाले द्वारा बनाए जाएंगे, और 80 कोच दूसरे स्थान पर सबसे कम बोली लगाने वाले द्वारा बनाए जाएंगे.

अभी वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण आईसीएफ, चेन्नई में किया जा रहा है. अगले चरण में एमसीएफ, रायबरेली में इन्हें भारत बनाने की मंजूरी दी गई है. इसके अलावा ट्रेनों को लातूर रेल फैक्ट्री और भेल में बनाया जाएगा. उम्मीद है कि 75 वंदे भारत अगस्त 2023 तक चलना शुरू हो जाएंगी. रेल मंत्री ने कहा कि वंदे भारत का परिचालन 25 मई से दिल्ली-देहरादून के बीच शुरू हो जाएगा. इसके अलावा, वंदे भारत का परीक्षण गुवाहाटी और गोवा के लिए भी चल रहा है.

 

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