विकलांग लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवसः व्यापक समावेशन हेतु प्रतिबद्ध है वेदांता एल्यूमिनियम

कंपनी ने कमर्शियल, मानव संसाधन व सुरक्षा विभागों में कई विकलांग व्यक्तियों को नियुक्त किया

4 दिसंबर 2023: विकलांग लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक कंपनी वेदांता एल्यूमिनियम ने भारत के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में विविधता, समानता और समावेशन को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। वर्तमान में कंपनी ने बहुत से विकलांग व्यक्तियों को अपने प्रचालनों में नियुक्त किया हुआ है। इस दिवस पर कंपनी ने कई पहलें की जिनका लक्ष्य था विकलांग लोगों के सामने पेश आने वाली विभिन्न चुनौतियों के बारे में जागरुकता बढ़ाना और यह बताना कि उनकी खास जरूरतों की समानुभूति रखते हुए कैसे इस दुनिया को अधिक समावेशी बनाया जा सकता है। इस विषय पर वेदांता एल्यूमिनियम की कोशिश इसलिए भी खास है क्यूंकि हैवी इंजीनियरिंग, धातु व मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्रों में बहुत पेचीदा कार्य शामिल रहते हैं।

वेदांता एल्यूमिनियम में विकलांग पेशेवरों को विषय के विशेषज्ञों द्वारा खास प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतरीन तरीके से निभा सकें। इन लोगों में विभिन्न कठिनाईयों का सामना कर रहे व्यक्ति शामिल हैं जिसमें दृष्टि हीनता से लेकर चलने-फिरने की मुश्किलें शामिल हैं। इन्हें रणनीतिक रूप से ऐसे दायित्व सौंपे गए हैं जो उनके विशेष कौशल के अनुसार हैं; जिनमें कमर्शियल, मानव संसाधन, सुरक्षा, हाउसकीपिंग, स्टोरकीपिंग व कारपेंट्री शामिल हैं।

विकलांग लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर कंपनी ने जो कार्यक्रम आयोजित किए उनमें समुदाय को जागरुक करने और कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने वाले, दोनों पहलू शामिल थे। झारसुगुडा स्थित अपने मेगा एल्यूमिनियम स्मेल्टर में वेदांता एल्यूमिनियम ने विकलांग कर्मचारियों, उनके परिवार के सदस्यों और उनकी टीम के सदस्यों के मध्य संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस जानकारीपूर्ण सत्र के दौरान विकलांग कर्मचारियों ने इन कठिनाईयों के साथ जीने के अपने अनुभव साझा किए, इससे यह सुनिश्चित हुआ कि वहां आए सभी लोगों को उनकी चुनौतियों और विजयों की गहरी समझ प्राप्त हुई और उन्होंने यह भी समझा कि अपने कार्यस्थल को ज्यादा समावेशी बनाने के लिए हर व्यक्ति किस तरह अपनी भूमिका निभा सकता है। झारसुगुडा जिला प्रशासन के सहयोग से कर्मचारियों एवं समुदाय के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ एक जागरुकता वाकाथॉन भी आयोजित की गई।

भारत की आइकॉनिक एल्यूमिनियम उत्पादक कोरबा, छत्तीसगढ़ स्थित बाल्को के अनेक कर्मचारी विकलांग बच्चों के सरकारी स्कूल दिव्य ज्योति स्कूल में गए और उन्होंने प्रेरणादायी किस्सागोई तथा हैंड पेन्टिंग जैसी गतिविधियां आयोजित कीं। बाल्को के विकलांग कर्मचारियों ने बच्चों के साथ अपनी जीवन यात्रा की कहानी साझा की, उन्होंने यह दर्शाया कि चुनौतियों के बावजूद वे बच्चे भी अपने लिए गरिमामय और एकसमान भविष्य की आकांक्षा कर सकते हैं। कंपनी ने दृष्टिहीन, मूक व बधिर लड़कियों के लिए मेंस्ट्रुअल हैल्थ मैनेजमेंट पर एक विशेष शिक्षण मॉड्यूल भी लांच किया। इसके अतिरिक्त मासिक धर्म के दौरान पैड के अभाव से निपटने के लिए कंपनी ने ’स्टिच माय ओन पैड’ कैम्पेन भी चलाई। विकलांग महिलाओं को अपनी मेंस्ट्रुअल हाइजीन सुनिश्चित करने में कहीं ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उनके सामने विकलांगता और मेंस्ट्रुएशन का दोहरा संघर्ष होता है। इस क्षमता निर्माण कार्यक्रम के जरिए उन्हें पुनः उपयोग किए जा सकने वाले कपड़े के पैड सिलना सिखाया जाता है, इससे उन्हें मासिक धर्म के दौरान अपनी सेहत सुरक्षित रखने का विकल्प मिलता है।

इसी दौरान, लांजिगढ़ स्थित कंपनी की एल्यूमिना रिफाइनरी में अम्बाडोला सामंत जूनियर कॉलेज, रायागढ़ा के विद्यार्थियों के लिए जागरुकता एवं संवेदनशीलता सत्र संचालित किए गए और उन्हें विकलांग लोगों की सहायता हेतु प्रेरित किया गया। एक शैक्षिक-मनोरंजक पहल भी की गई जिसमें लोगों ने ऐसी फिल्में देखीं जिनमें दिखाया गया कि विकलांग लोगों को किस तरह चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और वे किस तरह साहस व धैर्य से उससे उबरते हैं। कंपनी द्वारा संचालित नंद घरों में तीन दिनों की अवधि में 50 से ज्यादा स्क्रीनिंग आयोजित की गईं; गौर तलब है कि नंद घर आंगनवाड़ी का आधुनिक स्वरूप है जिन्हें वेदांता एल्यूमिनियम द्वारा बतौर महिला एवं बाल विकास केन्द्र के तौर पर सहयोग दिया जाता है। कंपनी की योजना यह भी है कि ’जयपुर फुट’ के सहयोग से विकलांगों के लिए आईडेंटिफिकेशन व अप्लायंस सपोर्ट कैम्प आयोजित किए जाएं; गौर तलब है कि जयपुर फुट एक गैर सरकारी संगठन है जो जरूरतमंदों को प्रोस्थेटिक अंग और मोबिलिटी उपकरण निशुल्क प्रदान करता है।

इस मौके पर वेदांता एल्यूमिनियम के सीईओ श्री जॉन स्लेवन ने कहा, ’’वेदांता एल्यूमिनियम में हमारा मानना है कि विविधता अपनाना केवल नैतिक आवश्यकता नहीं है बल्कि यह एक रणनीतिक लाभ भी है। विकलांग लोगों को काम पर रखकर और यह सुनिश्चित कर के कि उनकी विभिन्न पेशेवराना जरूरतें पूरी हों, हमारा लक्ष्य है ऐसा कार्यस्थल बनाना जहां अनूठे दृष्टिकोण मिलकर सामूहिक सफलता में योगदान करें। हमारे प्रयास सही मायनों में एक समावेशी कार्यस्थल निर्मित करने पर केन्द्रित हैं जो न केवल विविधता को अपनाए बल्कि इसके बल पर प्रभावशाली वृद्धि एवं नवप्रवर्तन भी लेकर आए। इससे हम इस उद्योग में मानव संसाधन के मोर्चे पर सबसे आगे बने हुए हैं और साथ ही संवहनीय प्रगति को हासिल करने की दिशा में न्यायोचित दृष्टिकोण को भी सुनिश्चित कर रहे हैं।’’

वेदांता एल्यूमिनियम का प्रयास है अपने विकलांग कर्मचारियों की क्षमताओं का निर्माण करना ताकि वे अपने सहकर्मियों के बराबर ही अपने दायित्व निभा सकें और सामाजिक-आर्थिक मुख्यधारा में सफलतापूर्वक शामिल हो सकें। कंपनी इस समावेशन को पांच रणनीतिक कदमों के जरिए सुगम बनाती हैः

(1) नौकरी के लिए संभावित सक्षम व्यक्तियों की पहचान
(2) विशेषज्ञों द्वारा कौशल-केन्द्रित समग्र प्रशिक्षण
(3) सभी कर्मचारियों को संवदेनशील बनाकर सहयोगकारी वातावरण को पोषित करना
(4) सक्षमकारी नीतियां एवं प्रक्रियाएं
(5) इंफ्रास्ट्रक्चर वृद्धि जो सभी के लिए एक समान दृष्टिकोण एवं अभिगम्यता सुनिश्चित करे

विकलांग लोगों को नौकरी पर रखने से व्यापारों को अवसर मिलता है कि वे आम दृष्टिकोण से आगे बढ़ सकें और एक ऐसा कार्यस्थल बनाने पर ध्यान केन्द्रित करें जो सही मायनों में समावेशी हो। इस सोच में शामिल हैं- सुरक्षा उपायों का अमल, जैसे बधिर व्यक्तियों के लिए खास अलर्ट, तथा प्रक्रिया संवर्द्धन, जैसे चलने-फिरने की विकलांगता से जूझने वालों के लिए कस्टमाइज़्ड टूल्स खरीदना। इसके अलावा वेदांता एल्यूमिनियम ने समर्पित मानव संसाधन कारोबारी साझेदार तय किए हैं जो विकलांग कर्मचारियों को उनके उपयुक्त सरकारी सेवाएं सुलभ कराते हैं जैसे कि विकलांगता प्रमाणपत्र।

वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, इन उत्पादों का प्रयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (डीजेएसआई) 2022 में दूसरी वैश्विक रैंकिंग मिली है, जो इसकी सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रक्रियाओं का प्रमाण है। देश भर में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स, एल्यूमिना रिफाइनरी और पावर प्लांट्स के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन को पूरा करती है।

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