हाईवे से कितनी दूरी पर बनाना चाहिए घर? जानने के बाद ही करें निर्माण, ताकि भविष्य में न रहे टूटने का खतरा

नई दिल्ली. इस समय देश में हर जगह हाइवे और एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है. कई बार देखा गया है खासकर ग्रामीण एरिया में रोड़ के किनारे घर मकान होते हैं या अवैध कब्जा. जिसे बाद में सड़क निर्माण के दौरान हटा दिया जाता है. ऐसे ही मामले कई बार शहरों में भी देखने को मिल जाते हैं. पूरी जानकारी न होने के कारण लोग घर तो बना लेते है लेकिन बाद में पछताना ही हाथ में रह जाता है. इसलिए अच्छा है किसी भी तरह के निर्माण से पहले पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए.

आज हम आपको सड़क से कितनी दूरी पर घर, मकान का निर्माण करना चाहिए ये बताने जा रहे हैं. ताकि भविष्य में आप किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें. जब हम मकान का निर्माण करते है तो हमें कई सरकारी गाइडलाइनों का पालन करना होता हैं जिसके अंतर्गत आता है कि आप अपना घर सड़क से कितनी दूरी पर बना सकते हैं आदि.

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क्या कहता है नियम
हर राज्य में मकान की दूरी के अलग-अलग नियम होते हैं जिन्हें आप अपने शहर की नगर पालिका निगम में जाकर इसकी जानकारी ले सकते हैं. हर श्रेणी की रोड के लिये राईट ऑफ वे निर्धारित है उसकी सीमा के बाहर निर्धारित ऑफसेट छोड़ कर डायवर्टेड प्लॉट पर सर्वसंबधित शासकीय विभागों से NOC ले कर रहवास / व्यवसायिक भवन नियमों के अनुसार बना सकते हैं.

उत्तर प्रदेश रोड कंट्रोल एक्ट 1964 में यह साफ अंकित है कि सड़क के मध्य रेखा से राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा राज्य राजमार्ग में 75 फुट तथा मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड में 60 फुट एवं आर्डिनरी डिस्ट्रिक्ट रोड में 50 फुट अंतराल छोड़ना आवश्यक है. यह दूरी छोड़ने के पश्चात ही कोई खुला निर्माण या बाउंड्री आदि निर्माण कार्य कर सकते हैं.

नियमों के मुताबिक हाईवे के मध्य से दोनों ओर 75-75 मीटर दायरे में कोई निर्माण नहीं होगा. यदि निर्माण बेहद जरूरी है तो एनएचएआई तथा राजमार्ग मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी. राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण एक्ट की धारा 42 के तहत नई व्यवस्था में स्पष्ट है कि हाई-वे के मध्य से 40 मीटर तक निर्माण की इजाजत कतई नहीं मिलेगी, जबकि 40 से 75 मीटर के दायरे में निर्माण बहुत जरूरी है तो भू-स्वामी को एनएचएआई से अनुमति लेनी होगी. एनएचएआई की सिफारिश पर राजमार्ग मंत्रालय अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करेगा. राजमार्ग मंत्रालय की एनओसी के पश्चात ही संबंधित विकास प्राधिकरण अथवा जिला पंचायत नक्शा पास करेगा.

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