17 साल के लड़के ने छोड़ा मां-बाप का मकान, ट्रेनों को बनाया अपना घर

दुनिया में ऐसे बहुत लोग हैं जिन्हें स्वतंत्र जिंदगी जीना पसंद होता है. इस वजह से वो अपने माता-पिता का घर छोड़कर अपने पैरों पर खड़े होने दूसरे शहर जाकर रहने लगते हैं. ऐसा ही जर्मनी के एक युवक ने भी किया है. वो अपने मां-बाप का घर छोड़कर कहीं और रहने लगता है. पर वो जहां पर रहता है, वो काफी हैरान करने वाली जगह है. उसे रहने के लिए कोई मकान नहीं मिला, तो वो ट्रेन (German boy live in trains) में ही रहने लगा. हैरानी ये है कि ट्रेन में रहने के लिए वो किराया भी देता है.

लैड बाइबल वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार 17 साल का लैस स्टॉली (Lasse Stolley) जर्मनी की सरकारी ट्रेन कंपनी ड्यूश बहान ट्रेनों में सफर करता है और उसी को उसने अपना घर बना लिया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि युवक ट्रेनों (Teenager live in trains Germany) में रहकर दिनभर सफर करता है और उसके बदले में किराया भी चुकाता है. बिजनेस इंसाइडर से बात करते हुए युवक ने कहा कि ऐसी जिंदगी जीने की वजह से उसके पास काफी स्वतंत्रता है. वो खुद से तय करता है कि वो कहां रहना चाहता है. कभी वो पहाड़ों पर चला जाता है तो कभी समुद्र के पास रहने चला जाता है.

16 साल की उम्र में शुरू किया था सफर
जब लैस 16 साल के थे, तब उन्होंने अपने माता-पिता को मनाया कि वो उन्हें कानूनी तौर पर ट्रेनों में रहने के उनके सपने को पूरा करने में मदद करें. अपनी यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने अपने कमरे की सफाई की, और फिर अपने अधिकतर सामानों को भी बेच डाला. अभी तक उन्होंने 5 लाख किलोमीटर की यात्रा तय कर ली है. इस हिसाब से वो एक दिन में 1000 किमी. की यात्रा तय कर चुके हैं. उनके पास जगह की काफी कमी होती है, इस वजह से वो सिर्फ 4 टी-शर्ट, 2 पैंट, नेक पिलो, कंबल, लैपटॉप और शोर खत्म करने वाले हेडफोन्स को साथ में लेकर चलते हैं. खाने के लिए वो या तो पहले से ही सुपरमार्केट्स से ही सामानों को खरीद लेते हैं, या फिर बड़े ट्रेन स्टेशनों से कॉम्प्लिमेंटरी बुफे में खाना खाते हैं.

ट्रेनों में रहने के लिए देता है इतना किराया
अब सवाल ये उठता है कि वो इतनी यात्रा कैसे कर ले रहे हैं, और ट्रेन में कैसे रह लेते हैं? दरअसल, उन्होंने जर्मनी के रेल डिस्काउंट स्कीम को चुना है, जिसमें उसने Bahncard 100 को खरीद लिया है. ये एक तरह का रेलवे पास है. इसकी कीमत करीब 5 लाख रुपये है. यानी वो 1 साल में 5 लाख रुपये खर्च कर ट्रेन में रहते हैं.

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