रुहेलखंड विश्वविद्यालय में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया गया : विस्थापित भारतीयों के संघर्ष का स्मरण तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को किया गया सम्मानित
बरेली,15अगस्त। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन कल महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा माननीय कुलपति प्रो.के.पी. सिंह जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलंन से हुआ। इसके पश्चात विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र की संगीत क्लब की छात्राओं ने सरस्वती वंदना का गायन किया। कार्यक्रम संयोजक एवं सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. ज्योति पांडेय द्वारा अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया गया। संगोष्ठी के प्रथम सत्र प्रो. नवीन चंद्र गुप्ता, मेरठ विश्वविद्यालय , मेरठ द्वारा विभाजन की घटनाओं को स्पष्ट रूप से बताते हुए कहा कि विभाजन की घटना भारत के इतिहास के लिए एक गहरा जख्म है जो आज तक ताजा है और भरा नहीं है यह तारीख है जब देश का बंटवारा हुआ। लेकिन इस पूरी घटना में सिर्फ देश का ही बंटवारा नहीं हुआ, संस्कृति और संपन्नता का भी बंटवारा हुआ ।इस अवसर पर प्रो.इतवारी लाल जी ने कहा कि इस विषय में इतिहास के गर्भ में कई तथ्य छिपे हुए हैं विभाजन विभीषिका भयावह रही । आजादी के जश्न के स्थान पीड़ा और दंश ही प्राप्त हुए। विस्थापन का यह दर्द आज भी लोगो के दिलो में है। जन्म लेकर भी अपनी जन्मभूमि के न हो पाए । इस अवसर पर कुलसचिव श्री संजीव कुमार सिंह ने कहा की विभाजन की यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह अत्यंत चिंतन का विषय जिस पर अध्ययन एवं शोध भी करने चाहिए ताकि सही तथ्य की जानकारी विद्यार्थियों को प्राप्त हो सके। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. पी . बी.सिंह , अधिष्ठाता छात्र कल्याण, ने अपने उद्बोधन में कहा कि इतिहास को समझना जरूरी है। इस विभाजन का प्रभाव पीढ़ी दर पीढ़ी रहा है। विस्थापना के बाद नई जगह पर नई पहचान बनाना मुश्किल काम है। चिंतन करना है कि इसकी अब कहीं पुनरावृत्ति न होने पाए। संगोष्ठी के सत्र उपरांत स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों स्व . श्री कृष्ण मुरारी असर, स्व. श्री महानंदन सेवक, स्व.श्री शांति शरण स्वरूप तथा स्व.श्री देव स्वरूप भारद्वाज के परिजनों को उनकी याद में विश्वविद्यालय की शाल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर कुलसचिव श्री संजीव कुमार सिंह, डी. एस. डबल्यू प्रो. पी. बी. सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रो. ए. के.सिंह,सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. ज्योति पाण्डेय, डॉ. अमित कुमार सिंह, प्रो .विजय बहादुर सिंह,डॉ.पवन सिंह, श्री राजेन विद्यार्थी , डॉ.छवि शर्मा, डॉ.अतुल कटियार, डॉ.विमल कुमार, डॉ. इन्द्रप्रीत कौर, डॉ. पवन कुमार सिंह, डॉ.प्रिया सक्सेना
डॉ. रामबाबू सिंह, डॉ. लक्ष्यलता , डॉ.शहनाज, डॉ. निधि,श्री हरीश भट्ट, श्री तपन वर्मा,श्री कैलाश,श्री अर्जुन सिंह,श्री कैलाश, श्री सुधांशु, श्री मनोज पाठक, सांस्कृतिक क्लब से सत्यम , प्रतिमा, स्वस्तिका,स्नेहलता, श्रुति, स्वाति, कैलाश, फैज,जैनुअल , सूरज, पंखुड़ी,तनिष्का, स्वर्णिमा, मानसी, अनुष्का, आकाश, नरेश, ध्रुव, सिम्मी, श्रेष्ठ, शिराज, अंजली, सीमा आदि उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट