नीरज चोपड़ा ने टूटे हाथ के साथ टूर्नामेंट में उतरे और किया कमाल!
नईदिल्ली : पेरिस ओलंपिक में जेवेलिन थ्रो में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा के लिए डायमंड लीग का फाइनल मुकाबला भी निराशाजनक रहा। पेरिस ओलंपिक की तरह ही नीरज चोपड़ा ने डायमंड लीग का फाइनल मुकाबला भी दूसरे स्थान पर रहते हुए खत्म किया। नीरज चोपड़ा डायमंड लीग 2024 फाइनल में अपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके। नीरज फाइनल में दूसरे स्थान पर रहे।हालांकि इस दौरान गोल्डन बॉय के हाथों में फैक्टर हो रखा था जिसका खुलासा उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर किया।
डायमंड लीग के फाइनल में नीरज चोपड़ा सिर्फ 1 सेंटीमीटर से गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए। पेरिस ओलंपिक 2024 में सिल्वर मेडल जीतने वाले नीरज ने डायमंड लीग 2024 फाइनल में 87.86 मीटर का बेस्ट थ्रो फेंका और रजत पदक जीतने में कामयाब रहे। ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 87.87 मीटर थ्रो फेंककर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया।
26 साल के नीरज चोपड़ा ने इंस्टाग्राम पर अपने फैक्टर हाथों की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘सोमवार को अभ्यास के दौरान मैं चोटिल हो गया था और ‘एक्स-रे’ से पता चला कि मेरे बाएं हाथ की (चौथी मेटाकार्पल) हड्डी में फ्रैक्चर है। ये मेरे लिए एक और दर्दनाक चुनौती थी लेकिन अपनी टीम की मदद से मैं ब्रसेल्स में भाग लेने में सफल रहा। यह साल का अंतिम टूर्नामेंट था। मैं अपनी ही उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। लेकिन मुझे लगता है कि यह एक ऐसा सत्र था जिसमें मैंने बहुत कुछ सीखा। अब मैं पूरी तरह से फिट होकर वापसी कर खेलने के लिए तैयार हूं।’
नीरज चोपड़ा इस दौरान फिटनेस की समस्याओं से जूझ रहे हैं। नीरज चोपड़ा ने पोस्ट में आगे लिखा कि ‘2024 सत्र समाप्त हो गया है तो मैंर, साल भर में सीखी गई सभी चीजों को देखता हूं जिसमें सुधार, असफलताएं, मानसिकता और बहुत कुछ शामिल है। मैं आप सभी को आपके प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। 2024 ने मुझे एक बेहतर एथलीट और इंसान बनाया है। 2025 में मिलते हैं।’
नीरज चोपड़ा के हाथ में फैक्चर होने के बाद भी उन्होंने इस साल कई प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया। जिसपर हर भारतीय को फक्र होगा। नीरज चोपड़ा ने हाल ही में समाप्त हुए पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए 89.45 मीटर का थ्रो फेंककर सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया था। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने रिकॉर्डतोड़ 92.97 मीटर थ्रो फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। एंडरसन पीटर्स तीसरे स्थान पर रहे थे।