मोदी सरकार ने किसानों के लिए मंजूर की 1 लाख करोड़ की 2 योजनाएं, रेलवे कर्मचारियों को बोनस
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक (Union Cabinet meeting) हुई. इसमें कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई. दिवाली से पहले जहां किसानों की आय बढ़ाने के लिए दो बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई है तो वहीं रेलवे कर्मचारियों को भी बोनस देने पर सहमति जताई गई है. बैठक में लिए गए फैसलों की विस्तृत जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने बताया कि पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM National Agricultural Development Scheme) के अलावा किसानों से जुड़ी कई योजनाओं को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा चेन्नई मेट्रो फेज-2 को भी मंजूरी दी गई है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज कैबिनेट बैठक में जो सबसे बड़ा फैसला लिया गया, वह किसानों की आय बढ़ाने और मध्यम वर्ग के लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने से जुड़ा है. इसके दो स्तंभ हैं- पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्ति योजना. इन दोनों योजनाओं के लिए 1,01,321 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. इन दोनों के अंतर्गत 9-9 योजनाएं शामिल की गई हैं. इसमें से कई चीजें उनका सीधा कनेक्शन किसानों की आय और मिडिल क्लास परिवारों की थाली से है.
इसके साथ ही रेलवे कर्मचारियों को भी बोनस का तोहफा देने की मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है. रेलवे में उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता देते हुए कैबिनेट ने 11,72,240 रेलवे कर्मचारियों को 2028.57 करोड़ रुपये के 78 दिनों के बोनस के भुगतान को मंजूरी दी है. यह राशि विभिन्न श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप एक्ससी कर्मचारियों को दी जाएगी.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि चेन्नई मेट्रो फेज 2 को भी मंजूरी मिली है. इस पर 63,246 करोड़ रुपये खर्च होंगे. ये फेज 119 किलोमीटर का होगा. इसमें 120 स्टेशन होंगे. इसके निर्माण के लिए केंद्र और राज्य का 50 -50 फीसदी शेयर होगा. इसके साथ ही 5 भाषाओं को Classical भाषा मे दर्जा दिया गया है. मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषा को क्लासिकल भाषा का दर्जा दिया गया है. तमिल, संस्कृत, तेलगु, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया को पहले से ही क्लासिकल भाषा का दर्जा प्राप्त था.