उत्तर प्रदेश

मैनुअल स्केवेन्जर्स के हितों व अधिकारों के सम्बन्ध में मण्डल स्तरीय बैठक हुई सम्पन्न

बरेली, 30 नवम्बर। मा0 सदस्य सेंट्रल मॉनिटरिंग कमेटी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार भगवत प्रसाद मकवाना की अध्यक्षता में कल मैनुअल स्केवेन्जर्स के हितों व अधिकारों के सम्बन्ध में मण्डल स्तरीय बैठक विकास भवन स्थित सभागार में सम्पन्न हुई।

मा0 सदस्य सेंट्रल मॉनिटरिंग कमेटी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने मैनुअल स्केवेन्जर्स अधिनियम-2013 के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि उक्त एक्ट के अन्तर्गत शुष्क शौचालय, सेप्टिक टैंक, सीवर, रेलवे ट्रैक एवं खुले नाले-नालियों की सफाई करने वाले सफाई कर्मचारी, मैनुअल स्केवेन्जर्स की श्रेणी में आते हैं।

बैठक में मा0 सदस्य ने मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का धन्यवाद दिया कि उनके द्वारा करोड़ों शौचालयों का निर्माण कराया, जिससे हाथ से मल ढोने की प्रथा पर करारा प्रहार हुआ है। लेकिन शुल्क शौचालय के अतिरिक्त खुले नाले, नालियों, गटर, सैप्टिक टैंक, सीवर आदि की साफ-सफाई करने वाले भी मैनुअल स्केवेन्जर्स है। उन्होंने कहा कि सभी के स्वास्थ्य की रक्षा का कार्य सफाई कर्मचारी करता है इसलिये हमें भी उनके प्रति संवेदनशील होकर उनके हितों के बारे में सोचना चाहिए। जब मा0 प्रधानमंत्री जी कुम्भ मेला में सफाई कर्मियों के पैर धोकर उनके कार्य को सम्मान दे सकते हैं तो हमें क्यों नहीं।

बैठक में मा0 सदस्य ने निर्देश दिये कि सफाई कर्मियों को उनके सम्बंधित विभाग द्वारा सुरक्षा किट, आवश्यक उपकरण अवश्य उपलब्ध कराया जाये तथा सफाई कर्मियों को समय-समय पर उनके कार्य से सम्बंधित प्रशिक्षण भी दिया जाये। सफाई कर्मियों को प्रदेश में निर्धारित न्यूनतम मजदूरी 412 रुपये प्रतिदिन से कम का भुगतान ना किया जाये। आउटसोर्स सफाई कर्मियों के ई0पी0एफ0/ई0एस0आई0 खाते खुलवाये जाये। चिन्हित मैनुअल स्केवेन्जर्स के पुनर्वासन का कार्य करवाया जाये तथा उन्हें अन्य सम्मान जनक व्यवसाय करने हेतु ऋण की सुविधा दी जाये।

बैठक में मा0 सदस्य ने जानकारी दी कि सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई के दौरान सफाई कर्मी की मृत्यु होने पर 30 लाख रुपये तथा अपंग होने पर 20 लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने का प्राविधान है, इस हेतु सफाई कर्मियों का 30 लाख का बीमा भी सम्बंधित एजेंसी/ठेकेदारों द्वारा करवाया जाये। स्वच्छकारों के हितों की रक्षण हेतु जिलाधिकारी अध्यक्षता में जिला अनुश्रवण कमेटी का गठन किया जाये तथा पूर्व से गठित समिति में नवीन लोगों का शामिल किया जाये।

बैठक में निर्देश दिये गये कि नगर निगमों/नगर पंचायतों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत राज द्वारा मैनुअल स्केवेन्जर्स के चिन्हांकन हेतु सर्वे कराया जाये। जलकल विभाग बरेली ने बताया कि उनके यहां नमस्ते योजना के अन्तर्गत 201 कर्मी चिन्हित है, जिस पर मा0 सदस्य ने पुनः सर्वे कराये जाने के निर्देश दिये।

बैठक में रेलवे अधिकारी द्वारा बताया गया कि अब अधिकांश ट्रेनों में बायो टॉयलेट कोच में लगाये गये हैं। मा0 सदस्य ने निर्देश दिये कि रेलवे में लगे हुये आउटसोर्स सफाई कर्मियों का पुनः सर्वे कराकर कर्मियों के नाम व मोबाइल नम्बर 15 दिन में समाज कल्याण अधिकारी को भेजें तथा केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत दर से ही कर्मियों को भुगतान करें।

बैठक में मा0 सदस्य ने नगर निगम को निर्देश दिये कि आउटसोर्स सफाई कर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जाये, जिससे जो कर्मी हैं उन पर अधिक कार्य भार ना पड़े।

मा0 सदस्य ने बैठक में जनपद पीलीभीत व शाहजहांपुर से किसी अधिकारी के ना आने पर नाराजगी व्यक्त की गयी और उन्हें पत्र लिखकर उनसे भी सर्वे कराकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये गये।

बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिनेश, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संतोष बहादुर सिंह, अपर नगर आयुक्त, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी सहित बरेली व बदायूं से समस्त संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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