अखिलेश यादव का BJP पर हमला: कहा- निजीकरण ने शिक्षा को महंगा और नौकरियों को दुर्लभ बना दिया
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के अंधाधुंध निजीकरण के चलते न सिर्फ शिक्षा आम आदमी की पहुंच से दूर हो गई है, बल्कि रोजगार के अवसर भी तेजी से घटे हैं।
लखनऊ में समाजवादी छात्र सभा की बैठक को संबोधित करने के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने से पहले सस्ती शिक्षा और रोजगार देने के वादे किए थे, लेकिन हकीकत इससे उलट निकली। निजीकरण की वजह से युवाओं को शिक्षा के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ रही है और सरकारी नौकरियों की उम्मीदें धुंधली होती जा रही हैं।
“2027 का चुनाव योगी बनाम प्रतियोगी होगा”
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। पेपर लीक और धांधली के कारण परीक्षाएं रद्द हो रही हैं, जिससे मेधावी छात्र खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “2027 का चुनाव योगी बनाम प्रतियोगी होगा, जिसमें छात्रों और युवाओं की निर्णायक भूमिका होगी।”
सरकारी अस्पतालों की हालत पर भी उठाए सवाल
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर में एम्स होते हुए भी मरीज इलाज के लिए लखनऊ आ रहे हैं। इससे साफ है कि प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था किस कदर चरमराई हुई है।
“साइबर अपराध में यूपी नंबर-1, सरकार मूक दर्शक”
उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश साइबर क्राइम के मामलों में देश में अव्वल है। डॉक्टर, IAS, IPS तक कोई वर्ग इससे अछूता नहीं है, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
गरीबों को उजाड़ने पर जताई आपत्ति
सीमावर्ती जिलों जैसे पीलीभीत, बहराइच और बस्ती में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर अखिलेश यादव ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि “इस प्रक्रिया से गरीब और कमजोर वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। विकास के नाम पर अगर विनाश हो रहा है, तो वह मंजूर नहीं।”
अखिलेश ने बताया कि 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ता गांव-गांव और बूथ-बूथ जाकर युवाओं को भाजपा सरकार की नीतियों और पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) की ताकत से परिचित कराएंगे।