नशा मुक्त भारत, स्वस्थ भारत संदेश के साथ रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय से भव्य साइकिल रैली का शुभारंभ
बरेली, 26 मार्च। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर के प्रेरणा स्थल से कल सुबह 9:30 बजे “नशा मुक्त भारत, स्वस्थ भारत” के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से एक भव्य साइकिल रैली का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक रैली का शुभारंभ माननीय कुलपति प्रो. के.पी. सिंह ने किया, जिनके साथ कुलसचिव श्री संजीव कुमार सिंह, संयोजक डॉ. अजय यादव, डीन एकेडमिक्स प्रो. एस.के. पांडेय, खेल सचिव प्रो. एस.एस. बेदी, सह-संयोजक डॉ. अतुल कटियार और सहायक संयोजक डॉ. नीरज कुमार ने गुब्बारे उड़ाकर इस अभियान की शुरुआत की।
रैली की शुरुआत में विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केन्द्र के ड्रामा क्लब द्वारा नशा मुक्ति विषय पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की गई जिसे सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. ज्योति पाण्डेय के निर्देशन और सांस्कृतिक समिति के सदस्यीय देखरेख में श्रेय और पीयूष ने तैयार करवाया। नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति गोद लिए गए गांवों में भी की जाएगी। सांस्कृतिक केंद्र की डेकोरेशन कमेटी द्वारा अवसरानुकूल साइकिल यात्रा की प्रतीकात्मक रंगोली भी बनाई गई । माननीय कुलपति ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में युवाओं से नशे से दूर रहने और एक स्वस्थ एवं समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि नशा सिर्फ एक बुरी लत नहीं, बल्कि यह हमारे सपनों और भविष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। इस रैली में कुल 70 साइकिलिस्टों के साथ 50 से अधिक संकाय सदस्य भी शामिल हुए, जिनमें स्वयं कुलपति प्रो. के.पी. सिंह भी साइकिल चलाकर इस अभियान का हिस्सा बने।
रैली का पहला पड़ाव रामगंगा पुल पर हुआ, जहाँ साइकिलिस्टों ने स्थानीय लोगों और युवाओं से बातचीत कर उन्हें नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का संदेश दिया। इसके बाद रैली दोपहर 12 बजे भमोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँची, जहाँ डॉक्टरों ने भी इस अभियान में भाग लिया और स्थानीय युवाओं को नशे से बचने के लिए प्रेरित किया। यहाँ पर मौजूद डॉक्टरों और साइकिलिस्टों ने मिलकर नशे के दुष्प्रभावों को समझाने के लिए एक संवाद सत्र का आयोजन किया, जिसमें स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।
इसके बाद रैली आंवला पहुँची, जहाँ संत निरंकारी आश्रम के लोगों ने साइकिलिस्टों का गर्मजोशी से स्वागत किया। आश्रम में कुछ समय रुकने के बाद, साइकिलिस्टों ने आंवला चौराहे पर एक और नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसने स्थानीय जनता को नशे की लत के दुष्परिणामों के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया। इस प्रस्तुति के दौरान सैकड़ों स्थानीय लोग इकट्ठा हुए और इस सामाजिक संदेश को पूरे ध्यान से सुना और समझा।
शाम 5 बजे साइकिलिस्ट ऐतिहासिक रामनगर किला और जैन मंदिर पहुँचे, जहाँ उन्होंने स्थानीय निवासियों से संवाद कर नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया। इस पूरे अभियान के दौरान प्रो. यतेन्द्र कुमार, डॉ. अजय यादव, डॉ. अतुल कटियार, डॉ. नीरज कुमार और डॉ. वरुण प्रताप सिंह ने रैली को दिशा-निर्देशन प्रदान किया, जबकि पुलिस प्रशासन ने इस पूरे मार्ग में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी और रैली को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने में मदद की।
इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारी और संकाय सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें मुख्य प्रॉक्टर प्रो. रविंद्र सिंह, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार सिंह, कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष प्रो. विनय ऋषिवाल, डॉ. ज्योति पांडे, डॉ. दीपक गंगवार, प्रो. राकेश कुमार मौर्य, डॉ. अभा त्रिवेदी, डॉ. अनिता त्यागी, उप-कुलसचिव सुनीता यादव, तपन वर्मा, रामप्रीत तथा क्रीडा विभाग की टीम सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
यह साइकिल रैली सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने और युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए एक आंदोलन है, जो सकारात्मक बदलाव की नींव रखता है और आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर भविष्य देने का संकल्प लेता है।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट