Pakistan: गोली मारने के आदेश से डरे इमरान समर्थक; इस्लामाबाद में किया प्रदर्शन खत्म करने का एलान
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में चल रहे मौत और हिंसा के खेल पर अब विराम लग जाएगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने विरोध-प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। दरअसल, जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों का हौसला उस समय चकनाचूर हो गया, जब सुरक्षा बलों ने आधी रात को बड़ी कार्रवाई की। जवानों ने इस्लामाबाद में एकत्र हुए उनके हजारों पीटीआई समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए अभियान शुरू किया। कार्रवाई के चलते समर्थकों को डी-चौक और राजधानी के आसपास के जिले को खाली करने पर मजबूर होना पड़ा।
पीटीआई समर्थक इस्लामाबाद में सड़कों पर उतरे थे और डी-चौक तक मार्च करना चाहते थे। यह विरोध-प्रदर्शन 24 नवंबर से चल रहा था। प्रदर्शनकारियों ने पहले बैरिकेड तोड़ दिए थे और उच्च सुरक्षा वाले रेड जोन में प्रवेश किया था, जिससे आंसू गैस, गोलियों और सामूहिक गिरफ्तारियों से जुड़े अधिकारियों के साथ झड़पें हुईं। मंगलवार रात की गई कार्रवाई को पार्टी ने ‘फासीवादी सैन्य शासन’ के तहत नरसंहार बताया। प्रदर्शन समाप्त करने के बाद पार्टी की तरफ से कहा गया कि आगे की कार्रवाई का एलान इमरान के मार्गदर्शन पर किया जाएगा।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि लगभग 450 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। अभी और गिरफ्तारियों की उम्मीद है। जबकि खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने कहा कि यह सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर हिंसक हमला था, जिसमें उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को मारने के इरादे से गोलियां चलाईं।
इससे पहले मंगलवार शाम को पीटीआई समर्थक कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ भिड़ गए और डी-चौक पर धरने पर बैठने में सफल रहे। पुलिस के साथ समर्थकों की झड़प में छह सुरक्षाकर्मी मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। इस दौरान खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के साथ पेशावर से इस्लामाबाद तक निकाले गए मार्च का नेतृत्व कर रहीं खान की पत्नी बुशरा बीबी ने घोषणा की कि जब तक इमरान खान को जेल से रिहा नहीं किया जाता, तब तक प्रदर्शनकारी वहां से नहीं हटेंगे।
वीडियो फुटेज में खान के समर्थकों को आंसू गैस का सामना करते हुए और डी-चौक की ओर जाने वाली सड़कों पर रखे कंटेनरों पर चढ़ते हुए दिखाया गया है। आधी रात के करीब पुलिस और रेंजर्स ने ब्लू एरिया कारोबारी इलाके को खाली कराने के लिए अभियान शुरू किया जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को बीबी और गंडापुर के साथ वहां से जाने को मजबूर होना पड़ा। पुलिस सूत्रों ने कहा कि कार्रवाई में लगभग 450 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था और विरोध के समाप्त होने के बाद और अधिक गिरफ्तारियों की उम्मीद है। साथ ही पीटीआई नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।
हालांकि, गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि गंडापुर और बुशरा बीबी भाग गए हैं। उन्होंने कहा, ‘वे आपके सामने भाग गए, एक या दो या तीन नहीं बल्कि हजारों लोग भाग गए। राजधानी में यातायात के लिए बंद सड़कों को बहाल करना प्राथमिकता थी।’ उन्होंने यह भी घोषणा की कि स्कूल गुरुवार को फिर से खुलेंगे।
अधिकारी ने कहा, ‘मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं सुबह तक बहाल कर दी जाएंगी। आप सुबह तक सभी सड़कों को चालू हालत में पाएंगे। शासन सुबह तक सभी कंटेनरों को हटाने की कोशिश करेगा।’ वहीं, सूचना मंत्री अट्टा तरार ने भी दावा किया कि गंडापुर और बीबी भाग गए। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद और सरकारी संपत्ति पर हमला करने और राज्य के अधिकारियों को निशाना बनाने के लिए रेड जोन में प्रवेश करने की योजना का विवरण देने वाले दस्तावेज भी पाए गए।
तरार ने बताया कि डी-चौक पर पूरा मार्ग साफ है और सड़कें भी खुल रही हैं। कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए पीटीआई ने सरकार पर हिंसा का इस्तेमाल करने और उसके सैकड़ों कार्यकर्ताओं की हत्या करने का आरोप लगाया। उसने कहा, ‘शहबाज-जरदारी-असीम गठबंधन के नेतृत्व वाले क्रूर, फासीवादी सैन्य शासन के तहत सुरक्षा बलों के हाथों पाकिस्तान में नरसंहार हुआ है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का जिक्र करते हुए ‘देश खून में डूब रहा है।’
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सरकार पर चुराए गए जनादेश, लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा करते हुए 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। मंगलवार को इस्लामाबाद के लिए जा रही रैली को रोकने के दौरान शुरू हुई झड़पों में अब तक सुरक्षाबलों के छह जवानों की मौत हो चुकी है। बताया गया है कि इस हिंसा में 100 से ज्यादा जवान घायल भी हुए हैं। इन हालात के बीच पाकिस्तान सरकार ने अब इस्लामाबाद में सेना को तैनात कर दिया है और उसे उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी दे दिए हैं।
इमरान खान पर 100 से ज्यादा केस हैं। इस्लामाबाद के लोकल कोर्ट ने उन्हें पांच अगस्त 2023 को तोशाखाना केस में दोषी करार दिया था। इसके बाद उन्हें इस्लामाबाद के जमान पार्क स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। फिर उन्हें दो और मामलों में दोषी करार दिया गया।