कानपुर में थ्रीडी तकनीक से पहली बार सर्जरी सफल, डॉक्टरों ने पहना खास चश्मा
कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा विज्ञान ने एक और उपलब्धि हासिल की है। यहां बुधवार को थ्रीडी चश्मा पहनकर और 4K सिस्टम की मदद से डॉक्टरों ने पहली बार लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की। नई तकनीक की मदद से डॉक्टरों को पेट के अंदरूनी अंग पहले से कहीं ज्यादा स्पष्ट दिखाई दिए।
64 वर्षीय मरीज पर हुआ पहला ऑपरेशन
इस उन्नत तकनीक से पहला ऑपरेशन 64 वर्षीय दुर्गा शंकर का किया गया, जो घाटमपुर के निवासी हैं।
उन्हें दाईं और बाईं आंत के नीचे उतरने की समस्या थी।
ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. जी.डी. यादव, डॉ. प्रियेश शुक्ला और डॉ. मनोज शुक्ला शामिल थे।
क्या है यह नई तकनीक?
इस नवीन लैप्रोस्कोपिक सिस्टम में 4K हाईडेफिनिशन कैमरा लगा होता है।
इससे पेट के अंदर की संरचना की थ्रीडी और बेहद स्पष्ट छवि मिलती है।
डॉक्टरों को अंगों की स्थिति और पहचानने में काफी सहूलियत मिलती है, जिससे सर्जरी की सफलता दर भी बढ़ती है।
कैसे अलग है यह पारंपरिक तकनीक से?
यह तकनीक पारंपरिक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से अधिक आधुनिक है।
इसमें 4K अल्ट्रा HD (3840 × 2160 पिक्सल) और फुल 4K (4096 × 2160 पिक्सल) रिजॉल्यूशन होता है।
इससे ऑपरेशन के दौरान हर एंगल से बारीकी से दृश्य देखने में सहायता मिलती है।
डॉक्टरों का मानना है कि यह तकनीक न केवल ऑपरेशन की सटीकता को बढ़ाती है, बल्कि मरीजों की रिकवरी को भी तेज करती है। अगर आप चाहें तो मैं इस टेक्नोलॉजी पर एक आसान समझ वाली ग्राफिक या इंफोविज़ुअल भी तैयार कर सकता हूँ।