आईवीआरआई के जैव रसायन विभाग में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

बरेली , 14 दिसम्बर। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान का जैव रसायन विभाग अपने स्वर्ण जयन्ती समारोह के अवसर पर ’’एक स्वास्थ्य के लिए मल्टीओमिक्सः जैव चिकित्सा अनुसंधान में चुनौतियाँ एवं संभावनाएं ’’ विषय पर दो दिवसीय एस.वी.बी.बी.आई के सप्तम वार्षिक सम्मेलन एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 14 दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक केंद्रीय सभागार में करने जा रहा है। इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डा. धीर सिंह, निदेशक एवं कुलपति राष्ट्रीय डेयरी संस्थान करनाल होंगे एवं संस्थान के निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त होंगे।
संगोष्ठी के बारे में जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष डा. रागवेन्द्र सिंह जी ने बताया कि इस सम्मेलन में दो सौ से अधिक अंतर्राष्ट्रीय (मुख्यतः अमेरिका, इंग्लैंड एवं इजराइल) व राष्ट्रीय शोधार्थी, विद्यार्थी, शिक्षक, व्यावसायी, प्रशासक एवं उद्यमी, वैज्ञानिक विचारों एवं खोेजों के आदान प्रदान के लक्ष्य के साथ भाग ले रहे हैं। इस आयोजन का तकनीकी कार्यक्रम, प्रोफेसर विनीत के. सिंह (ए.टी.स्टील विश्वविद्यालय यू.एस.ए.) और प्रोफेसर योगेश सैनी (नार्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय, यू.एस.ए.), के ’’जैव रसायन विभाग स्वर्ण ज्यन्ती व्याख्यान’’ के साथ प्रारम्भ होगी, तत्पश्चात छः विभिन्न तकनीकी सत्र आपस में संबधित छः विषयांतर्गत निम्नानुसार सम्पन्न होगे:-
1. पशु स्वास्थय एवं उत्पादन में मल्टीओमिक्स दृष्टिकोण की संकल्पना ।
2. संरचना एवं संश्लेषित जैव रसायनः तर्क संगत औषधी निर्माण में महत्व ।
3. पोषित-रोगजनक अंतर्क्रिया के माध्यम से एक स्वास्थ्य की समझ।
4. नयी पीढ़ी के टीकों एवं नैदानिकों के माध्यम से पशु स्वास्थय में सुधार ।
5. पोषण हस्तक्षेप के माध्यम से खाद्य सुरक्षा में आश्वास्तीकरण।
6. रसायन शास्त्र से ओमिक्सः चिकित्सा नैदानिकी में जैव रसायन का महत्व।

संगोष्ठी के संयोजक डा. मनीश महावर ने बताया कि इस सम्मेलन एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य सभी जैव रसायनज्ञ, जैव प्रौद्योगिकीविद्व, शिक्षाविद्व, जैव चिकित्सा शोधार्थी, विद्यार्थी, व्यावसायी एवं औद्योगिकी सहयोगियो को एक समान मंच पर साथ लाना है ताकि वैज्ञानिक विचारों, पद्वतियों एवं नई खोजों के आदान प्रदान से पशु स्वास्थ एवं उत्पादन से सम्बंधित समस्याओं के निराकरण एवं इनके संवर्धन के लिए मल्टीओमिक्स की समझ व इसके पारम्परिक जैव चिकित्सा अनुसंधान के साथ एकीकरण को बढ़ावा मिल सके।
यह विभाग 1972 में स्थापित हुआ हांॅलांकी प्रथम जैव रसायनज्ञ सर परसीवल हार्टले (1881-1957) में थे। जिन्होने 1909 में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, मुक्तेश्वर में कार्यभार संभाला। जैव रसायन विभाग का संस्थापक विभागाध्यक्ष, डा. यू.के. मिश्रा वर्तमान में अमेरिका में निवासरत हैं। अभी तक यह विभाग जैव रसायन विषय में कुल 96 विद्यावाचष्पति और 138 स्नातकोत्तर की उपाधियांॅ प्रदान किये हैं।
सफलतापूर्वक 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जैव रसायन विभाग के द्वारा स्वर्ण ज्यन्ती महोत्सव के दौरान अलुमनी मिट के माध्यम से पूर्व प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को सम्मानित करेंगे जिन्होने इस विभाग के विकास और सफलता में योगदान दियेे हैं। इस शुभ अवसर पर 60 सेवानिवृत्त प्राध्यापकगण और 60 पूर्व विद्यार्थी सम्मिलित होगे। समारोह का समापन डा. मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति, गोविन्द बलभ पंत कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, पंतनगर की अध्यक्षता में सम्पन्न होगी । बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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