एसआईटी के आरोप में अहमद पटेल की बेटी ने कहा, पिता के नाम में अभी भी वजन है

नई दिल्ली । कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने शनिवार को अपने खिलाफ गुजरात एसआईटी के आरोपों का खंडन किया और आरोप लगाया कि उनके (अहमद पटेल) नाम का इस्तेमाल विपक्ष को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “मुझे लगता है कि उनके पिता के नाम में अभी भी वजन है। इसीलिए राजनीतिक फायदे के लिए उनके नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर आरोप सही हैं तो तीस्ता सीतलवाड़ को यूपीए की सरकार में राज्यसभा सांसद क्यों नहीं बनाया गया? उन्होंने यह भी पूछा कि 2020 तक आखिर इस सरकार ने इतने बड़े साजिश की जांच क्यों नहीं करवाई?”

उन्होंने आगे कहा कि “इसलिए गुजरात चुनाव के लिए उनके अभियान की शुरूआत अहमद पटेल को साजिश के सिद्धांतों में नाम के रूप में खींचकर हुई है। उन्होंने चुनाव से पहले ऐसा किया था जब वह जीवित थे और अब भी कर रहे हैं जब वह नहीं हैं।” इससे पहले, कांग्रेस ने एसआईटी के आरोपों को ‘शरारती और निर्मित’ के रूप में खारिज कर दिया, जिसमें अहमद पटेल ने नागरिक अधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को वित्तपोषित किया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को हटाने की साजिश रची थी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “यह साल 2002 में सांप्रदायिक नरसंहार के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में किसी भी जिम्मेदारी से खुद को मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री की व्यवस्थित रणनीति का हिस्सा है। इस नरसंहार को नियंत्रित करने की अनिच्छा और अक्षमता की वजह से ही देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके राजधर्म की याद दिलाई थी।”

बयान में आगे कहा गया है, “प्रधानमंत्री की राजनीतिक प्रतिशोध मशीन उन दिवंगत लोगों को भी नहीं बख्शती जो उनके राजनीतिक विरोधी थे। यह एसआईटी अपने सियासी आका की धुन पर नाच रही है और जहां कहा जाएगा, वहां बैठ जाएगी। हम जानते हैं कि कैसे एक पूर्व एसआईटी प्रमुख को मुख्यमंत्री को ‘क्लीन चिट’ देने के बाद पुरस्कृत किया गया था।” उन्होंने कहा कि चल रही न्यायिक प्रक्रिया में प्रेस के जरिए से कठपुतली जांच एजेंसियों के माध्यम से निर्णय देना वर्षों से मोदी-शाह की जोड़ी की रणनीति की पहचान रही है।

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