तीन बार रहे सांसद, चार बार विधायक, जानें विष्णुदेव साय के छत्तीसगढ का सीएम बनने तक का सफर

छत्तीसगढ। विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी इलाके के कांसाबेल से लगे बगिया गांव के रहने वाले हैं। वे मूलतः किसान हैं।राज्य की आबादी में 32 फिसदी आदीवासी समुदाय है। वे भी इसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी गिनती रमन सिंह के करीबी लोगों में होती है। 1989 में अपने गांव बगिया से पंच पद से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले विष्णुदेव साय 1990 में निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए थे।

इसके बाद तपकरा से विधायक चुनकर 1990 से 1998 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। 1999 में वे 13 वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। बाद में उन्हें भाजपा ने 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। बता दें कि विष्णुदेव साय मोदी के साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल में काम कर चुके हैं। आलाकमान के सामने उनकी छवि साफ सुथरी है।

वे तीन बार सांसद, चार बार विधायक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी सीटों पर भाजपा को मिली बंपर जीत मिली है। एसटी के लिए आरक्षित 29 सीटों में से 17 सीटें भाजपा को मिलीं हैं। अगर 2018 विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा आदिवासियों के लिए आरक्षित केवल तीन सीटें ही जीत पाई थी।

आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटें इस बार भाजपा ने जीतीं हैं। जहां पिछली बार कांग्रेस को बंपर जीत मिली थी। विष्णुदेव साय 2020 में भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे। सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। संघ के करीबी नेताओं में उनकी गिनती होती है। विष्णुदेव साय की इसी मजबूत प्रोफाइल की वजह से उन्हें पार्टी ने सबसे बड़ा पद दिया है।

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