नीतीश कुमार 8 वीं बार बने मुख्यमंत्री, तेजस्वी ने संभाला डिप्टी CM का पद

नई दिल्ली/पटना. बिहार (Bihar) से आ रही दोपहर की बड़ी खबर के अनुसार, आज बिहार के राज्यपाल फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) ने अब से कुछ देर पहले ही नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को राजभवन में बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है । वहीं इसके साथ आज राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) ने बिहार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ भी ली है ।आज वहीं इससे पहले बिहार के मनोनीत CM नीतीश कुमार ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव को फोन किया और उनके शपथ ग्रहण समारोह से पहले सभी राजनीतिक घटनाक्रमों से उन्हें पूरी तरह से अवगत कराया। लालू प्रसाद यादव ने उन्हें अग्रिम बधाई दी और उनके फैसले की जमकर सराहना की है।

ऐसे हुआ शपथग्रहण

आज बिहार के राज्यपाल फागू चौहान दोपहर करीब दो बजे राजभवन में आयोजित एक समारोह में कुमार (71) को पद की शपथ दिलाई है। वहीं RJD के नेता तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे और सत्ता में वापसी करेंगे। अबकी बार रजद उस महागठबंधन का नेतृत्व कर रही है, जिसने मंगलवार को कुमार को अपना नेता चुना था। ऐसा माना जा रहा था कि केवल कुमार और यादव ही शपथ लेंगे, हालांकि बहुदलीय महागठबंधन से जुड़े एक सूत्र ने “तीन से पांच’” मंत्रियों के शपथ ग्रहण करने के संकेत दिए हैं।

BJP का गेम-ओवर

गौरतलब है कि नीतीश कुमार के मंगलवार को इस्तीफा देने और महागठबंधन के समर्थन से नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के साथ ही BJPसत्ता से बेदखल हो गई। उधर बिहार में गठबंधन टूटने के बाद राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रेस वार्ता कर BJP पर लगे एक-एक आरोप का जवाब दिया। आज मोदी ने कहा कि अमित शाह ने मंत्रालय के लिए नीतीश कुमार को फोन किया था। नीतीश कुमार ने ही आरसीपी सिंह का नाम दिया था। मान लीजिए अगर हमने मंत्री बना दिया था तो नीतीश ने उस समय विरोध क्यों नहीं किया? यह तो सरासर गलत आरोप है कि BJP ने नीतीश जी से बिना पूछे RCP को मंत्री बना दिया। BJP ने नीतीश कुमार को 5 साल तक मुख्यमंत्री बनाया। BJP ने तो नीतीश का हमेशा सम्मान किया है।

कब कब नीतीश को मिली CM की कुर्सी

पता हो कि नीतीश कुमार ने पहली बार 2000 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जब उन्होंने केवल एक सप्ताह तक चलने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का नेतृत्व किया था। राजग गठबंधन के 2005 में विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद संभाला। इसके बाद 2010 में राजग ने पांच साल बाद विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में शानदार जीत हासिल की और कुमार तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि, कुमार ने 2014 में लोकसभा चुनाव में जदयू की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था, लेकिन एक साल से भी कम समय में उन्होंने वापसी की और उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

2015 में कुमार राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव में आरामदायक बहुमत हासिल कर मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने जुलाई 2017 में राजद के साथ असंगत मतभेदों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, 24 घंटे से भी कम समय में फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर उन्होंने भाजपा के साथ एक नई सरकार बनाई। कुमार ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नवंबर में सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

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