पीएफआई पर कार्रवाई का इंद्रेश कुमार ने किया समर्थन

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने जांच एजेंसियो द्वारा पीएफआई के खिलाफ की गई कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा है कि इस संगठन के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की गई है जो कि पूरी तरह से उचित है। जांच एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई का हिंसक विरोध करने की आलोचना करते हुए आरएसएस के वरिष्ठ नेता, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक एवं मुख्य सरंक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि अतीत में आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन संघ ने कभी भी इसके विरोध में हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया। उन्होंने कहा कि संघ ने अपने खिलाफ सरकार की कार्रवाई का शांतिपूर्ण और संवैधानिक ढंग से विरोध करते हुए अदालत में जाकर सरकार के फैसलों को चुनौती दी और जीते भी। उन्होंने पीएफआई द्वारा की जा रही हिंसा की पुरजोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि किसी भी संगठन द्वारा हिंसा का रास्ता अपनाना उचित नहीं है।

राजधानी दिल्ली में 104वें हाइफा विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए हुए इंद्रेश कुमार ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के मुस्लिम बुद्धिजीवियों और इमाम इलियासी से मुलाकात करने और मदरसे जाने पर उठे राजनीतिक विवाद के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आरएसएस के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है, हमारा जो रूख पहले था वही आज भी है और आगे भी रहेगा। कांग्रेस के बयान की तीखी आलोचना करते हुए संघ नेता ने कहा कि कांग्रेस को आरएसएस के रूख की सही समझ नहीं है और उन्हे अपने किए पर पश्चाताप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इलियासी के साथ भागवत की बैठक अल्पसंख्यक समुदायों के साथ बातचीत करने की संघ की पहल का हिस्सा थी, जो संघ के के पूर्व प्रमुख के एस सुदर्शन के नेतृत्व में 20 साल से भी पहले पहले शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि जनता ने पहले ही कांग्रेस को नकार दिया है और अब कांग्रेस इस तरह के आरोप लगा कर अपनी और अधिक भद् पिटवा रही है।

हाइफा मुक्ति दिवस के अवसर पर तीन मूर्ति हाइफा चौक पर आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व सेनाध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जनरल( रिटायर्ड) वीके सिंह, इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन, एनडीएमसी के वाइस चेयरमैन सतीश उपाध्याय के अलावा अन्य कई गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। कार्यक्रम में बोलते हुए भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि यह बहुत हर्ष का विषय है कि भारत सरकार ने तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक कर दिया है। इस कदम से भारत और इजरायल के राजनैतिक संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा इजरायल के स्कूल टेक्स्ट बुक में पढ़ाई जाती हैं। भविष्य में भारत और इजरायल के संबंधों में और अधिक मजबूती आने की बात कहते हुए इजरायली राजदूत ने अपने संक्षिप्त भाषण के अंत में हिंदी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के बारे में कहा कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे. ओम शांति।

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