पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी, अर्पिता मुखर्जी 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को राहत देने से कोर्ट ने इंकार कर दिया है। शिक्षा घोटाले से जुड़े मामले में कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। न्यायिक हिरासत समाप्त होने पर पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को आज कोर्ट में पेश किया गया था। पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका का प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा विरोध किए जाने के बाद दोनों को 31 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद दोनों को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया था। पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के वकीलों ने अपने-अपने मुवक्किल को जमानत देने की कोर्ट से अपील की। ED के वकील ने उनकी जमानत का विरोध किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ED की स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। हालांकि, बाद में कोर्ट ने अपने फैसले में दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किया गया था गिरफ्तार

इससे पहले ED की एक टीम जांच के सिलसिले में पार्थ चटर्जी से पूछताछ करने के लिए बुधवार को कोलकाता के दक्षिणी भाग में प्रेसीडेंसी कनेक्शनल होम (अलीपुर जेल) गई थी। ED के अनुसार स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) घोटाले में पार्थ मुख्य आरोपी हैं। घोटाले के वक्त पार्थ शिक्षा मंत्री थे। वहीं, अर्पिता मुखर्जी पर पार्थ की सहयोगी के रूप में काम करने का आरोप है। अर्पिता के घर ED को छापेमारी के दौरान 50 करोड़ से ज्यादा कैश और बड़ी मात्रा में ज्वैलरी बरामद हुई थी। ED ने बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दोनों को 25 जुलाई को गिरफ्तार किया था।

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