बाइक बंद करने के बावजूद भी साइलेंसर से क्यों आती है आवाज? ये हैं असल वजहें

नई दिल्ली। अगर आप मोटरसाइकिल चलाते हैं तो आपने कभी न कभी गाड़ी को बंद करने के बाद भी इंजन या सायलेंसर से ‘टक टक’ की आवाज आते हुए जरूर सुना होगा। हालांकि, अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि उन्हें बिल्कुल भी आइडिया नहीं होता है कि ये किस वजह से होता है। इसलिए आपको इस खबर के माध्यम से बताने जा रहे हैं उन वजहों के बारे में, जिससे इंजन बंद करने के बाद गाड़ियों से आवाज आती हैं।

अगर आप अपनी बाइक को लेकर लॉन्ग ड्राइव पर निकलते हैं तो ये आवाजें सबसे अधिक सुनाई देती हैं। क्योंकि, इंजन बंद होने के बाद भी आवाज आने का मुख्य कारण इंजन का गर्म होना है। इंजन जब ओवरहीट करता है तो साइलेंस में लगे वॉल्व या फिर इंजन के अंदर से आवाज आती है। हालांकि, इससे कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन अगर आप दो-चार किलोमीटर अपनी बाइक चलाते हैं और उतने में ही आपकी बाइक ओवरहीट होने लगती है तो आपको इसको जल्द ठीक करवाना चाहिए।

बाइक के अंदर से निकलने वाली हानिकारक हाइड्रोकार्बनों गैसों को कैटेलिटिक कनवर्टर प्रदूषण रहित बनाने में अहम रोल निभाता है। इसके जरिए वाहनों के धुएं वाली पाइप के जरिए धुआं बाहर वातावरण में छोड़े जाने से पहले ही उसमें मौजूद प्रदूषणकारी कंपाउंड को CO2, N2 जैसी प्रदूषण रहित गैसों में बदल दिया जाता है।

बाइक चलाते समय जब इंजन हीट हो जाता है तो यही कैटेलिटिक कनवर्टर साइलेंसर के अंदर ही फैल जाती है और गाड़ी का इंजन बंद होने के बाद यह सिकुड़ना शुरू होता है। जब यह सिकुड़ता है तो इंजन के अंदर से टकटक की आवाज सुनाई देने लगती है।

दरअसल, यह एक सरल किस्म का मेटल निर्मित उपकरण है, जो वाहन के exhaust pipe से इंजन के पास जुड़ा होता है। इंजन से आने वाला धुआं कैटेलिटिक कनवर्टर में प्रदूषण मुक्त होकर वाहन के साइलेंसर में पहुंचता है और बाहर निकल जाता है। यह कार्बन मोनोऑक्साइड को ऑक्सीडेशन या ऑक्सीकरण के जरिए कार्बन डाईऑक्साइड में बदलने, अधजले हाइड्रोकार्बन यौगिकों को ऑक्सीडेशन के जरिए CO2 और पानी में बदलने, और NO2 और NO को रिडक्शन रिएक्शन के जरिए नाइट्रोजन गैस (N2) में बदलने का काम करता है।

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