बिहार में राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस, राजद में मिटीं दूरियां, विपक्षी दल एकजुट

पटना । राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस में बढ़ी दूरियां घटती नजर आ रही हैं। राष्ट्रपति चुनाव में बिहार का विपक्ष साथ नजर आ रहा है, जबकि सत्ताधारी गठबंधन भी एकजुट है। भले ही सत्ताधारी गठबंधन को अभी भी विपक्ष का मत मिलने की आस है। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा शुक्रवार को पटना पहुंचे और विपक्षी दलों के साथ बैठक की।

बैठक में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने यशवंत सिन्हा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार योग्य और अनुभवी हैं। ये राष्ट्रपति बनेंगे तो महज रबर स्टांप नहीं रहेंगे, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे। बैठक में टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा, सीपीआई के रामबाबू कुमार, सीपीएम के राज्य सचिव ललन चौधरी, भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम सहित विपक्षी दलों के सभी विधायक और सांसद मौजूद थे।

विपक्षी दलों के विधायक और सांसदों ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोट देकर जिताने का संकल्प लिया।
उल्लेखनीय है कि राजद और कांग्रेस के बीच पिछले कुछ महीने से दूरियां बढ़ी दिखती रही थीं। बिहार विधानसभा उपचुनाव हो या विधान परिषद चुनाव दोनों दलों ने अपने अपने प्रत्याशी उतार दिए थे। लेकिन, राष्ट्रपति चुनाव में एक साथ नजर आए।

गौरतलब है कि चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू भी कुछ दिन पहले बिहार में समर्थन मांगने पहुंची थीं, जहां सत्ताधारी गठबंधन के सभी पार्टियों ने अपना समर्थन जताया है। बिहार के मंत्री और जदयू के नेता अशोक चौधरी कहते हैं कि यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी घोषित होने के समय जो दल उनके साथ थे, वे भी साथ छोड़ चुके हैं। ऐसे में बिहार में भी कुछ अलग देखने को मिल सकता है।

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