राममंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण नहीं मिलने से शहीद कारसेवक के परिजन दुःखी, ‘गरीब’ हूं इस लिये श्रीराम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता नहीं मिला!

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहा मंदिर दिनों दिन भव्य व मनमोहक रूप लेता जा रहा है। आगामी 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सुनिश्चित है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रतिष्ठित लोगों को शामिल होने का न्योता दिया जा रहा है। इसी बीच कानपुर निवासी एक ऐसे परिवार ने अपना दर्द बयां किया है जिसका एक सदस्य, कारसेवा के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा चलाई गई गोली का शिकार हुआ था, दूसरा सदस्य विवादित ढाँचा ढहाने वाले लोगों की भीड़ में शामिल होने आरोप में जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया था, लगभग डेढ़ माह बाद जमानत मिली थी, वर्षों तक मुकदमा का दंश झेला और तीसरे सदस्य ने विवादित ढाँचा ढहाने के सम्बन्ध में दर्ज मामलों में कई वर्षों तक जाँच एजेंसियों के सवालों का सामना किया।

श्रीराम मंदिर ‘कारसेवक’ परिवार को इस बात का दुःख है कि उसे श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता इस लिये नहीं दिया गया, क्योंकि वो ‘गरीब’ है। कानपुर के किदवई नगर निवासी श्रीमती आदर्श नागर ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने की एक ओर जहाँ खुशी जताई तो दूसरी तरफ अश्रुपूरित होकर पुराने दिनों की याद करते हुये बताया कि 2 नवम्बर 1990 को जब अयोध्या में पुलिस ने कारसेवकों पर गोलियाँ बरसाई थीं तो उनमें उनके देवर अमित कुमार नागर भी गोली का शिकार बने थे। उनकी लाश को सरयू में फेंक दिया था। इसके बाद जब 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढाँचा ढहाया गया था, तब वह अपने पति डॉ0 सतीश कुमार नागर के साथ कारसेवा में शामिल हुईं थीं। विवादित ढाँचा ढह जाने के बाद उनके पति डॉ0 नागर का नाम भी एफआईआर में था। 8 दिसम्बर 1992 को उन्हें कानपुर से गिरफ्तार करके फतेहगढ़ जेल में बन्द किया गया था।

लगभग डेढ़ माह बाद उन्हें जमानत मिली थी। इसके बाद समय – समय पर जाँच एजेंसियों के सवालों का सामना अनेक बार किया। 12 सितम्बर 2007 को डॉ0 नागर की मौत हो गई थी। वहीं डॉ0 नागर के पुत्र सुधांशु नागर ने उप्र सरकार व केन्द्र सरकार पर गम्भीर आरोप लगाया कि बड़े बड़े लोगों को न्योता दिया गया है किन्तु वह ‘गरीब’ है, इस लिये श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उनके परिवार को न्योता नहीं दिया गया, जबकि मेरे परिवार ने श्रीराम मंदिर के लिये तरह-तरह की यातना सहन की है।इस संदर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दृष्टि से कानपुर दक्षिणी जिले के संघ चालक प्रेम अरोरा ने दोका सामना को बताया कि यह सही है। उन्हें निमंत्रण नहीं मिला है।हालांकि इसको और स्पष्ट करने के लिये राममंदिर ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को 9811119040 पर फोन किया गया, जब उनका मोबाइल नहीं उठा तो मैसेज भी डाल कर सही जानकारी की अपेक्षा की गयी थी लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई उत्तर नहीं मिला।

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