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एसआरएमएस रिद्दिमा में गजल गायकी की एक शाम “अल्फाज ओ एहसास”


बरेली,07 अक्टूबर। एसआरएमएस रिद्दिमा के प्रेक्षागृह में कल रविवार को गजल गायकी की एक शाम “अल्फाज ओ एहसास” में सुप्रसिद्ध गजलों को रिद्धिमा के गुरुओं और गायकी के विद्यार्थियों ने पेश किया। कार्यक्रम का आगाज गायन गुरु स्नेह आशीष दुबे ने उसके हंसते चेहरे से तो से किया। गायन की विद्यार्थि वो हम सफर था को अपनी आवाज दी तो विद्यार्थी लता अग्रवाल ने दर्द जब तेरी अता है को अपने स्वर दिए। नंदिता पाठक ने कोई कैसे बताए कि वो तन्हा है को पेश किया तो अंशुमा अग्रवाल ने अखियां नू रैन दे को अपनी आवाज दी। गायन के विद्यार्थी और एसआरएमएस ट्रस्ट के शैक्षिक संस्थाओं के प्लेसमेंट डायरेक्टर डा. अनुज कुमार ने और गायन गुरु प्रियंका ग्वाल ने कर्णप्रिय गजलों के मुखड़ों को अपने स्वर में श्रोताओं के सामने रखा। गुरु प्रियंका ग्वाल ने अपने चेहरे से जो और इंदू परडल ने हायो रब्बा नियोलाग्दा दिल मेरा को अपनी आवाज देकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। गुरु स्नेह आशीष दुबे ने नियत ए शौक भर न जाए कहीं, प्रियंका ग्वाल ने जब से तुमने मुझे दिवाना बना रखा है को भी अपनी आवाज दी। गजल की इस महफिल में गुरुओं और विद्यार्थियों की आवाज को वादन गुरु उमेश मिश्रा (सारंगी), सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), टुकुमनी सेन (हारमोनियम), हिमांश चंद्रा (गिटार व मेंडोलिन), सूरज पांडेय (बांसुरी), अनुग्रह सिंह (कीबोर्ड), सुमन बिस्वास व अमर नाथ (तबला) की जुगलबंदी ने और भी सुरमयी बनाया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, उषा गुप्ता जी, आदित्य मूर्ति जी, इंजीनियर सुभाष मेहरा, डा.अनुज कुमार, डा. रीटा शर्मा सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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