Flight में बैठे बिना ही दुनिया का एक-एक देश घूम चुका है ये आदमी, ऐसे किया कमाल

नई दिल्ली. दुनिया घूमने का सपना कई लोग देखते हैं, पर बहुत कम लोग होते हैं जो अपने उस सपने को पूरा कर पाते हैं. घूमने का सपना पूरा नहीं हो पाने की सबसे बड़ी वजह है बजट. पर डेनमार्क के रहने वाले एक शख्स ने अपना बजट कुछ इस तरह बनाया कि बीते 10 साल में दुनिया का हर देश घूम चुका है.

इस शख्स का नाम टॉर्बजॉर्न पेडर्सन है. पेडर्सन ने अपने ट्रैवल के लिए एक दिन का बजट 20 डॉलर यानी करीब 1650 रुपये का तय किया. जब आप घूमने निकलते हैं तो आपको रहने, खाने, कन्वेयेंस हर चीज का ख्याल रखना होता है, इसके साथ ही मेडिकल इमरजेंसी के लिए भी तैयार रहना पड़ता है, इस लिहाज से देखा जाए तो दिन के 1650 का बजट काफी कम होता है. हालांकि, पेडर्सन ने इसी बजट में दुनिया के सारे 195 देश घूम लिए.

पेडर्सन अपने इस सफर में कभी फ्लाइट में नहीं बैठे. 2.6 लाख माइल यानी लगभग 4.18 लाख किलोमीटर का सफर पेडर्सन ने कार, ट्रेन, बस, टैक्सी, बोट, शिप कंटेनर और पैदल चलकर पूरा किया. इस सफर में उन्हें वीज़ा से जुड़ी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा, पर सबको पार करके उन्होंने अपना सफर पूरा किया. पेडर्सन ने अपना सफर 2013 में शुरू किया, उनका प्लान था कि वो चार साल में पूरी दुनिया घूमने का अपना लक्ष्य पूरा कर लेंगे. लेकिन अलग-अलग कारणों के चलते ये करने में उन्हें 10 साल का समय लग गया.

पेडर्सन ने अपनी जर्नी के लिए एक दिन का बजट पहले ही तय कर रखा था. अपने खर्च को बजट के अंदर रखने के लिए पेडर्सन होटल में रहने की बजाए हॉस्टल या डॉर्मेटरी में बेड बुक करके रुकते थे. इसके साथ ही वो एक ऐप पर ऐसे होस्ट्स का भी पता लगाते थे जो उन्हें अपने घर में रख सकें.

पेडर्सन ने अक्टूबर 2013 में अपना सफर शुरू किया. शुरुआत में उन्होंने यूरोप के देशों में ट्रैवल किया और उनकी शुरुआत काफी अच्छी रही. हालांकि, कभी उन्हें समुद्र के रास्ते ट्रैवल करने में आई तो कई मौकों पर वीज़ा को लेकर उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा. मई 2014 में पेडर्सन ने भारी तूफान के बीच हिमखंडों से भरे समुद्र को नाव से पार किया था, इस अनुभव को वो अपना नियर डेथ एक्सपीरियंस बताते हैं. इसी तरह 2015 में उन्हें मलेरिया हो गया था, इस दौरान उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. कमजोरी और बीमारी की वजह से उन्हें विचित्र ख्याल आने लगे थे और उन्हें अपने छोटे-छोटे काम करने में भी परेशानी होने लगी थी.

साल 2020 में पेडर्सन हॉन्गकॉन्ग पहुंचे और तभी Covid 19 पैनडेमिक आ गई, तब पेडर्सन को चीन में दो साल गुज़ारने पड़े. इस दौरान वो एक चर्च में काम करते थे और वहीं रह रहे थे. इस साल जुलाई में पेडर्सन अपना सफर पूरा करके अपने देश डेनमार्क लौटे हैं.

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