उत्तर प्रदेश

एसआरएमएस रिद्दिमा में जयवंत दलवी लिखित नाटक “अरे शरीफ़ लोग” का मंचन

बरेली,23 सितंबर। एसआरएमएस रिद्दिमा के प्रेक्षागृह में रविवार कल जयवंत दलवी लिखित और विनायक कुमार श्रीवास्तव निर्देशित हास्य नाटक “अरे शरीफ़ लोग” का मंचन हुआ | नाटक देख कर दर्शक हँस हँस कर लोटपोट हो गए | नाटक की कहानी एक चॉल से शुरू होती है, जिसमे कई परिवार रहते है। इसी में अनोखे लाल भी अपनी पत्नी लक्ष्मी और बेटा गोपी के साथ रहते है। इसके अलावा पंडित जी और उनकी पत्नी कलावती और डॉक्टर घटक और उनकी पत्नी सरला जी रहती हैं। इसी चॉल में मास्टर बिहारी लाल जी भी रहते है। एक दिन चॉल में एक खूबसूरत लड़की किरायेदार चंदा रहने आती है। यहीं से शुरू होती है एक नई रोमांटिक कहानी। अनोखे लाल,पंडित जी, डॉक्टर घटक और बिहारी लाल उस चंदा को इम्प्रेस करने के लिए अलग अलग तरह की हरकतें कर रहते है। चॉल की बालकनी में खड़े होकर चंदा को देखते है और आपस में चंदा के लिए बात रहते हैं। इन सब अधेड़ पुरुषों की कारस्तानी से इनकी पत्नियां परेशान रहती है और शक करती हैं। ये सब हरकतें अनोखे लाल का बेटा गोपी देखता रहता है। गोपी के दिमाग में कुछ खुराफात घूमती है और वो अनोखे लाल, पंडित जी, डॉक्टर घटक और बिहारी लाल के घर में इत्र लगा हुआ खत चंदा के नाम से रख देता है। उस खत में सबके लिए एक ही बात लिखी है, जिसके कारण सब एक एक करके नंगे बदन बालकनी में टहलते है और एक दूसरे का मज़ाक उड़ाते है। इसके बाद गोपी एक दूसरी खुराफात करता है। गोपी सबके यहां औरतों का जूड़ा लाकर एक एक करके सबके घर में रखता है। जिसके कारण सब पुरुषो की पत्नियां शक करने के साथ अपने अपने घर पर जबरदस्त झगड़ा करती हैं। चॉल के सभी लोग मिल कर चन्दा को चॉल से निकलवा ने का निर्णय लेते हैं। सब मकान मालिक के पास जाते है। वहां पता चलता है की चंदा की शादी मकान मालिक से हो रही है। ये सुन कर सब वहां से भाग जाते हैं। चॉल में जा कर बात ही कर रहे होते है तभी वहां चंदा आती है और सब से माफ़ी मांग कर चली जाती है।कुछ दिन बाद फिर कोई लड़की उस चॉल में रहने आती है, फिर से पुरुष मंडली उस लड़की के पीछे लग जाती है| दर्शकों ने नाटक का भरपूर आनंद लिया। इस नाटक में अनोखे लाल की भूमिका को पंकज कुकरेती ने निभाया। मनोज शर्मा पंडित जी बने तो सूर्य प्रकाश ने डॉक्टर घटक की भूमिका निभाई। मुनीश राज ने बिहारी लाल, शिवम यादव ने गोपी, अभिनव शर्मा ने मकान मालिक और महिला पात्र लक्ष्मी का चरित्र अनमोल मिश्रा ने निभाया। सोनालिका सक्सेना कलावती के रोल में सामने आईँ। नाटक में सुमन विश्वास ने संगीत दिया जबकि अनुग्रह सिंह ने साउंड की जिम्मेदारी निभाई। प्रकाश व्यवस्था रविंदर सिंह और जसवंत ने संभाली। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, इंजीनियर सुभाष मेहरा, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.एमएस बुटोला, डा.अनुज कुमार, डा. रीटा शर्मा सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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